बहादुरी दिखाते हुए अकेले दबोचा बहादुरी दिखाते हुए हैडकांस्टेबल अमर सिंह अकेले ही सवा छह फीट लम्बे और शरीर से मजबूत नाइजीरियन जैम्स पर टूट पड़ा। हैडकांस्टेबल और नाइजीरियन के बीच संघर्ष भी हुआ, लेकिन हैडकांस्टेबल ने नाइजीरियन को इस तरह दबोचा कि वह छुड़ाकर भाग नहीं सका। ये देख तुरंत टीम के अन्य पुलिसकर्मी दौडकऱ भागे और नाइजीरियन जैम्स को पकड़ लिया।
इस तरह नाइजीरियन गिरोह पहुंची टीम साइक्लोन सैल ने ठगों के फेसबुक अकाउंट, मोबाइल नम्बर और बैंक खातों का डेटा निकालकर खंगालना शुरू किया। इसके बाद सीआईयू और अरावली विहार थाने की टीम ने बैंक खातों और सीसीटीवी फुटेज देखे। इसके बाद पुलिस टीम एक-एक कदम आगे बढ़ते हुए ठगी में शामिल मोबाइल सेवा सर्विस प्रदाता कम्पनी के कर्मचारी, बैंक खाताधारक और नाइजीरियनों तक पहुंची और 12 दिन की कड़ी मेहनत के बाद 22 अगस्त को पुलिस ने वारदात का खुलासा कर दिया।
नाम से खौफ खाते हैं अपराधी अमर सिंह गुर्जर अलवर पुलिस के स्पेशल टीम में हैड कांस्टेबल है। कई शातिर गैंग व अपराधियों को गिरफ्तार करने में अमर सिंह का अहम योगदान रहा है। नाइजीरियन गैंग से पूर्व इन्होंने अंतरराष्ट्रीय घोड़ासन गैंग, ईरानी गैंग सहित अन्य शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर पुलिस को सफलता दिलाई है।
खुलासे में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) बिशनाराम विश्नोई, पुलिस उपाधीक्षक (दक्षिण) दीपक शर्मा, अरावली विहार थानाधिकारी हरिसिंह, एएसआई विजय कुमार, सीआईयू के हैडकांस्टेबल अमरसिंह गुर्जर, कांस्टेबल मुकेश कुमार, राजाराम, कृष्ण कुमार, हरिओम, मूलचंद, अरावली विहार थाने के कांस्टेबल राकेश कुमार, रामावतार, सोनू, महिला कांस्टेबल रेखा, साइक्लोन सैल प्रभारी एएसआई सज्जनसिंह, कांस्टेबल संदीप कुमार, अवनेश, लोकेश कुमार व संजय कुमार।