बच्चों की संस्कारवान परवरिश हो अलवर के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी गुप्ता का कहना है कि बाल्यकाल में जिन बच्चों के अनुभव अच्छे नहीं रहे। जैसे परिवार में झगड़े, नशे और हिंसा की प्रवृत्ति बच्चे को अपराध की तरफ धकेलती हैं। वहीं, युवा अवस्था में दूसरे लोगों को देखकर जल्द धनाड्य बनने की कोशिश भी कई बार गलत रास्ते पर ले जाती है। इससे ये नशे और अपराध की प्रवृत्ति की आदी हो जाते हैं। एक बार जब व्यक्ति नशा या अपराध करता है तो उसे वो काम सहज लगता है और वह उसी लाइन में चलता जाता है। बुरे रास्ते पर चलना आसान होता है। एकल परिवार भी इसके लिए कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं। बच्चों की परवरिश बेहतर और संस्कारवान हो इस बात का माता-पिता विशेष ध्यान दें। बच्चों की नाजायज मांगों को पूरा नहीं करें। संयुक्त परिवार में बातचीत से बच्चों से संस्कार अच्छे पड़ते हैं। माता-पिता भी अपने बच्चों का ध्यान रखें।
कब कहां वारदात केस-एक: 16 सितम्बर 2018 की रात शहर के मोती डूंगरी निवासी व्यापारी मुकेश मित्तल के घर में नकाबपोश बदमाश घुसे। बदमाशों ने हथियार के बल पर व्यापारी मित्तल का अपहरण व 19 लाख रुपए की डकैती डाली। अगले ही दिन व्यापारी को मुक्त कराते हुए पुलिस ने छह बदमाशों को गिरफ्तार किया। वारदात को अंजाम देने वाले सभी बदमाशों की उम्र 21 से 26 साल के बीच थी।
केस-दो: 13 दिसम्बर की देर शाम मनुमार्ग निवासी टैक्स एडवोकेट घनश्यामदास गुप्ता के घर में नकाबपोश हथियारबंद बदमाश घुसे। बदमाशों ने घनश्याम गुप्ता और उनकी पत्नी शिवानी गुप्ता को बंधक बना लाखों की नकदी व जेवरात लूट ले गए। सात दिन बाद पुलिस ने वारदात का खुलासा कर 7 बदमाशों को गिरफ्तार किया। वारदात को अंजाम देने वाले सभी बदमाश 18 से 20 साल की उम्र के है। इनमें से ज्यादातर पढ़ाई कर रहे हैं।
केस-तीन: 9 दिसम्बर 2018 की रात तीन नकाबपोश हथियारबंद बदमाशों ने केन्द्रीय बस स्टैण्ड के मत्स्य नगर कार्यालय में फायरिंग कर करीब 40 लाख रुपए लूटने का प्रयास किया। पुलिस ने करीब एक माह बाद वारदात का खुलाया किया है। प्रकरण में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वारदात में शामिल सभी अपराधी 18 से 26 साल के हैं। इनमें से तीन पढ़ाई कर रहे हैं।