scriptराजस्थान का यह जिला है सबसे संवेदनशील, लेकिन अब तक नहीं हो सका यह जरूरी काम | Alwar District Is Most Critical District Of Rajasthan | Patrika News

राजस्थान का यह जिला है सबसे संवेदनशील, लेकिन अब तक नहीं हो सका यह जरूरी काम

locationअलवरPublished: Jun 18, 2019 04:38:12 pm

Submitted by:

Hiren Joshi

Alwar : The Critical District Of Rajsthan अलवर जिला संवेदनशील है, लेकिन यहां शांति के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे।

Alwar District Is Most Critical District Of Rajasthan

राजस्थान का यह जिला है सबसे संवेदनशील, लेकिन अब तक नहीं हो सका यह जरूरी काम

सरकार की नजर अलवर जिला संवेदनशील, फिर भी अब तक यहां जिला स्तरीय शांति समिति का गठन नहीं हो पाया है। हालत यह है कि गृह विभाग के पत्र के बाद जिला प्रशासन अभी उपखंड अधिकारियों से समिति में नामित करने वाले सदस्यों के नाम ही मांगने में जुटा है। सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस जिले को सबसे क्रिटिकल बता चुके हैं।
प्रदेश में नई सरकार के गठन के साथ ही राज्य एवं जिला स्तरीय समितियों, आयोग, निगम, मंडल में मनोनीत गैर शासकीय सदस्यों का मनोनयन तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का निर्णय किया था। इस आदेश की पालना में जिला स्तर पर गठित जिला स्तरीय शांति समितियों का पुनर्गठन कर राज्य सरकार को भेजनी थी, लेकिन अभी तक अलवर जिले में शांति समिति का गठन नहीं किया जा सका है। राज्य सरकार की ओर से जिला स्तरीय शांति समिति के पुनर्गठन की रिपोर्ट मांगने के बाद जिले में फिर से समिति में सदस्यों के मनोनयन की कवायद शुरू की गई है।
जिला कलक्टर ने उपखंड अधिकारियों से नाम मांगे

जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह ने पिछले दिनों जिले के सभी उपखंड अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिए कि शांति समिति में नामित किए जाने वाले थानावार चार-चार सदस्यों के नाम भिजवाएं। जिला स्तरीय शांति समिति में थानावार दो-दो सदस्यों को नामित करने का प्रावधान है। जिला कलक्टर 15 जून तक नाम भिजवाने को कहा था। अभी तक सभी उपखंड स्तर से नाम नहीं मिल सके हैं।
गृह विभाग ने मांगी थी रिपोर्ट

राज्य के गृह (सुरक्षा) विभाग के वरिष्ठ उप शासन सचिव ने पिछले दिनों जिला कलक्टर को पत्र भेजकर जिला शांति समिति के पुनर्गठन की रिपोर्ट मांगी थी। गृह विभाग के पत्र के बाद जिले में आनन- फानन में शांति समिति में नामित किए जाने वाले सदस्यों के मनोनयन की कवायद शुरू
की गई।
पूर्व में भी मांगे थे नाम, लेकिन नहीं मिले

जिला स्तरीय शांति समिति में सदस्यों के मनोनयन के लिए जिला कलक्टर की ओर से पूर्व में भी उपखंड अधिकारियों को पत्र भेजे गए थे, लेकिन उपखंड स्तर से नाम ही प्राप्त नहीं हो सके। इस कारण अब तक जिला स्तरीय शांति समिति का गठन ही नहीं हो पाया।
शांति समिति का जिले में होता महत्वपूर्ण रोल

किसी भी जिले में शांति समिति का महत्वपूर्ण रोल रहता है। जिले में किसी भी कारण सद्भाव बिगडऩे एवं अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं के दौरान जिले में शांति व्यवस्था कायम करने एवं विभिन्न वर्गों के बीच सद्भाव कायम करने में शांति समिति का बड़ा रोल रहता है। प्रशासन एवं पुलिस भी ऐसे मौके पर सद्भाव कायम करने के लिए शांति समिति की बैठकों का आयोजन करती है।
राजनीति के फेर में अटकते हैं नाम

शांति समिति में गैर शासकीय सदस्यों के मनोनयन में राजनीतिक प्रभाव वाले व्यक्तियों को तरजीह मिलती है। समिति में शामिल होने के लिए राजनीतिक जोड़ तोड़ भी की जाती है। यही कारण है कि कई बार राजनीतिक जोड़ तोड़ के फेर में सदस्यों का मनोनयन ही अटक जाता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो