250 दोस्तों की टीम पूरी रात घूमती रही अलवर शहर से मुकेश मित्तल के अपहरण की सूचना पर इनके करीब 250 मित्र पूरी रात अलवर शहर तथा समीपवर्ती क्षेत्रों में घूमते रहे। इधर, घटना की सूचना 30 मिनट के भीतर पुलिस को मिलने के कारण सब जगह शहर से बाहर जाने वाले सडक़ मार्गों पर कड़ी नाकेबंदी की गई थी। इस घटना के चलते शहर में भय का वातावरण बन गया था। दोस्तों की टीम का घूमना ओर पुलिस के दवाब की रणनीति ने काम किया जिसके परिणामस्वरूप मुकेश मित्तल को अपहरणकर्ता छोडकऱ भाग गए।
मुकेश मित्तल की जुबानी व्यापारी मुकेश मित्तल को घर छोड़ने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस जगह रात्रि को रखा गया उससे ठीक 8 से 10 मिनट की दूरी पर सुबह बुद्ध विहार में छोड़ा गया।
व्यापारी मित्तल ने कहा कि ठीक से रात्रि 9:30 बजे बदमाश उसके कमरे में सीधे आकर घुसे तकिए का कवर निकाला और उसके मुंह पर लगा दिया उसके बाद में गाड़ी में पटक कर ले गए पूरी रात उनके कहां रखा गया यह नहीं मालूम लेकिन सुबह करीब 8 से 10 मिनट की दूरी पर ही बुधवार को सड़क पर छोड़ दिया
पूरी रात कट गई आंखों में मुकेश मित्तल के घर में इस अपहरण के बाद पूरी रात सैकड़ों लोग जमा रहे। इसके चलते यहां तरह-तरह के बाते की जा रही थी। सबसे अधिक तनाव परिजनो को था जो मुकेश की सलामती के लिए दुआ कर रहे थे। मुकेश की पत्नी व मां सहित पूरा परिवार पूरी रात जागता रहा।
अलवर के पुराने अपहरणकांड की याद ताजा अलवर में करीब ढाई दशक पूर्व अलवर के महाराज स्टेशन के समीप से कृषि जिंस व्यापारी व शेयर दलाल ताराचंद अग्रवाल उर्फ तारू का अपहरण हुआ था। इस समय तत्कालीन पुलिस अधीक्षक लक्ष्मण मीणा थे जिन्होंने दवाब बनाया और व्यापारी को अपहरणकर्ताओं ने रिहा कर दिया।