script# kumbh आस्था की नगरी में सजें सियासी आखाड़े ,धर्म सभा तय करेगी राम मंदिर का एजेंडा | VHP dharma sabha at kumbh mela 2019 | Patrika News

# kumbh आस्था की नगरी में सजें सियासी आखाड़े ,धर्म सभा तय करेगी राम मंदिर का एजेंडा

locationप्रयागराजPublished: Jan 29, 2019 06:18:14 pm

पूरा देश कर रहा धर्म संसद के निर्णय की प्रतीक्षा, जन भावना का होगा सम्मान

kumbh mela 2019

kumbh 2019

प्रयागराज | संगम की रेती पर धर्म के साथ सियासत के भी अखाड़े भी जमने लगे गए हैं। संगम तट से देश भर में सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुंभ कैबिनेट की बैठक कर तमाम योजनाओं का ऐलान किया। तो वही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि श्री राम मंदिर निर्माण न्यास के नाम से दर्ज 67 एकड़ जमीन से 42 एकड़ जमीन जो कोर्ट के आदेश पर अधिग्रहित की गई है उस पर निर्माण करने का आदेश दिया जाए।

बता दें की विश्व हिन्दू परिषद लगातार कुंभ नगरी से केंद्र सरकार पर मंदिर निर्माण का दबाव बना रहा हैं। वही धर्म संसद से दो दिन पूर्व योगी की कैबिनेट की बैठक करना और मोदी सरकार का सुप्रीमकोर्ट जाना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मेला क्षेत्र में विश्व हिंदू परिषद के आवाहन पर आयोजित की धर्म संसद ने सियासी माहौल देश भर में गरमा दिया है।

विश्व हिंदू परिषद के केन्द्रीय मार्ग दर्शक मंडल के संयोजक जीवेश्वर मिश्र ने कुंभ विहिप के कैंप में मीडिया से बात करते हुए कहा कि धर्म संसद के आदेश पर 1984 से लेकर अब तक काम करता रहा है। आगे भी करता रहेगा, विहिप ने धर्म संसद के ही आदेश पर श्री राम जन्मभूमि के आंदोलन का आगाज किया। जिसका परिणाम रहा कि श्री राम जन्मभूमि पर गुलामी का प्रतीक बाबरी ढांचा नहीं रह गया। उन्होंने बताया कि 31 जनवरी और 1 फरवरी को जो धर्म संसद आहूत की गई है।धर्मसभा में जगतगुरु शंकराचार्य से लेकर देश के अलग.अलग मठ मंदिरों के धर्माचार्य उपस्थित हो रहे हैं। उनके आदेश के बाद एक बार फिर श्री राम जन्मभूमि निर्माण के क्रम में जन आंदोलन शुरू होगा ।

उन्होंने कहा की कहा की धर्म संसद के निर्णय की प्रतीक्षा आज पूरा देश कर रहा है संतों के आदेश पर ही देश भर में जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है।जो जल्द ही जनभावना के अनुरूप पूरा होगा।साथ ही यह भी कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दी गई अर्जी का स्वागत करते हैं, यह पहले हो जाना चाहिए था। लेकिन सारी चीजें समय पर ही होती है उन्होंने कहा कि धर्म और आस्था के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। राम मंदिर निर्माण का कार्य जल्द ही शुरू होगा इस बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत भी दो दिनों तक संतों के बीच रहकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे और धर्म संसद का हिस्सा बनेंगे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो