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कोर्ट ने कहा है कि अनुच्छेद 16 के अंतर्गत सभी को नियुक्तियों में समान अवसर पाने का मूल अधिकार प्राप्त है। ऐसे में यदि कुछ लोगों द्वारा किन्हीं कारणों से कार्यभार ग्रहण न करने से पद खाली रह जाते हैं तो चयनित लोगों को मेरिट के आधार पर नियुक्ति पाने का प्रथम दृष्टया अधिकार है। कोर्ट ने मुद्दे को विचारणीय माना है। यह भी पढ़ें
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यह आदेश न्यायमूर्ति ए.पी. शाही तथा न्यायमूर्ति बच्चू लाल की खण्डपीठ ने धीरज कुमार व 30 अन्य की विशेष अपील की सुनवाई करते हुए दिया है। याचियों का कहना है कि 116 अभ्यर्थी ऐसे है जिनके दस्तावेज अधूरे है, या योग्यता नहीं रखते जसके चलते कई पद खाली रहने की संभावना है। प्रतीक्षा सूची भी नहीं दी गयी है। जिससे खाली बचे पदों को भरा जा सके।
आयोग के अधिवक्ता के.एस. कुशवाहा का कहना था कि वह चयन करते है, नियुक्ति उनके द्वारा नही की जाती और शासनादेश के तहत प्रतीक्षा सूची प्रकाशित करने जरूरी नहीं है। कोर्ट ने कहा नियुक्ति के अवसर की समानता के अधिकार के तहत मेरिट से खाली पदों को भरने की मांग की जा सकती है। अपील की सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी।
BY- Court Corrospondence