विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में एक बार फिर समाजवादी पार्टी ने बाजी मारी है। वहीं कांग्रेस की एनएसयूआई ने दो पदों पर जीत हासिल कर कर सभी राजनीतिक समीकरणों को ध्वस्त कर दिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को पहले की तरह फिर महामंत्री पद पर संतोष करना पड़ा और योगी और मोदी का जादू फेल होता दिखा। समाजवादी छात्र सभा से जीते हुए उदय प्रकाश यादव ने अपनी जीत का श्रेय अपने नेता अखिलेश यादव को दिया। कहा यह बड़े परिवर्तन का संकेत है। आने वाले चुनाव का आगाज हो चुका है।
शुक्रवार को विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के मतदान के बाद देर रात एक बजे परिणाम घोषित किया गया। इस परिणाम में अध्यक्ष पद पर उदय प्रकाश यादव ने 3698 वोट पाकर समाजवादी परचम लहराया तो वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अतेन्द्र सिंह को 2924 वोट मिले। उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के प्रत्याशी अखिलेश यादव ने 2157 वोट पाकर जीत दर्ज की तो वहीं नितेश सिंह राजपूत निर्दलीय उम्मीदवार को 1842 वोट पर संतोष करना पड़ा। एनएसयूआई की इस जीत ने सभी राजनीतिक पंडितो के समीकरण को तोड़ दिया। बता दें 2018 के छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई के पैनल को प्रत्याशी नहीं मिले थे। लेकिन दो पदों पर उम्मीदवार उतार कर जीत दिलाना बड़ी कामयाबी रही। उपाध्यक्ष पद पर जीते अखिलेश यादव ने कहा, यह जीत राहुल गाँधी की है। युवाओं के बीच उनकी बढती लोकप्रियता का संकेत है।
वहीं विश्वविद्यालय में सबसे ज्यादा संवेदनशील महामंत्री का पद रहा, जिस पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 2823 वोट पाकर जीत हासिल की है। बता दें बीते चुनाव में भी परिषद् को महामंत्री के एक ही पद पर संतोष करना पड़ा था। वहीं समाजवादी छात्र सभा के राहुल सिंह रूद्र दूसरेस्थान पर रहे और 2553 वोट मिले। ज्वाइंट सेक्रेट्री पर सत्यम सिंह सैनी ने 3199 वोट हासिल करके अपनी विजय पताका फहरा दी है। चंदन कुमार गुप्ता चंदू ने 2247 वोट पाया, सांस्कृतिक मंत्री पद पर,आदित्य सिंह ने 1832 वोट पाकर शानदार बढ़त हासिल की| उन्होंने शिवम मौर्य को 1658 पर समेट दिया।