वही दुनिया भर में अहिंसा को परम धर्म को बताने वाले महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे धरना देने के नाम पर राजनीति हिंसक नाच हुआ,जो घंटों तक चलता रहा। 2019 चुनावी साल है राजनीतिक उठापटक देशभर में शुरू हो चुकी है। मंगलवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव को रोके जाने को लेकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। घंटो शहर में भारी भीड़ रही बाहर से आने -जाने वाले लोग तमाशबीन बने रहे। सड़कें जाम थी चैराहे बंद थे कभी पुलिस का शोर तो कभी छात्र नेताओं की भगदड़ हो रही थी।
योगी सरकार जहां श्रद्धालुओ पर फूलों की वर्षा कराती रही वही आज श्रद्धालुओं पर पत्थर भी बसरे प्रदर्शनकारियों के साथ आम लोग भी घायल हुए। लोग हैरान थे कि क्या हुआ है। सोशल मिडिया पर सपा भाजपा का वार चलता रहा कही योगी को तानाशाह तो कही अखिलेश के कार्यकर्त्ता को श्रद्धालुओं के लिए आफत बताते रहे। भीड़ में खड़े बलिया से आये राघवेंद्र सिंह ने कहा कि यह चुनावी साल है ऐसी भगदड़ आम बात होगी। देखना होगा कि चुनावी साल में छात्र राजनीति कहा तक दौड़ती है। सियासी लोग इस दौर में कितना नूरा कुश्ती करते हैं यह आने वाला समय बताएगा।
लंबे समय तक सियासत का केंद्र रहा यह शहर एक बार फिर आम चुनाव से पहले देश भर में सुर्खियों में है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ भवन के उदघाटन का भव्य आयोजन में लंबे समय के बाद हुआ। लेकिन मुख्य अतिथि नही पंहुच सके। उसके बावजूद देशभर में सुर्खियां बटोरी।
लंबे समय तक सियासत का केंद्र रहा यह शहर एक बार फिर आम चुनाव से पहले देश भर में सुर्खियों में है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ भवन के उदघाटन का भव्य आयोजन में लंबे समय के बाद हुआ। लेकिन मुख्य अतिथि नही पंहुच सके। उसके बावजूद देशभर में सुर्खियां बटोरी।
छोटे लोहिया कहे जाने वाले जनेश्वर मिश्रा के शहर में जिस तरह समाजवादी पार्टी ने चुनावी बिगुल फूंका है उससे साफ जाहिर होता है कि आने वाला चुनाव बेहद आक्रामक तरीके से लड़ा जाने वाला है। अब देखने वाली बात होगी कि सियासी हंगामे के बाद कल भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को संतों का कैसा आशीर्वाद मिलता है। सपा कार्यकर्ताओं ने अमित शाह को प्रयागराज में घुसने देने की चेतावनी दी है। वहीं भाजपाई भी अमित शाह का दौरा सफल कराने में लग गये है।
सालों बाद इलाहाबाद में सपा के आंदोलन में सैफई कुनबे का सीधा नेतृत्व मिला। जिसमे सूबे के सबसे बड़े सियासी परिवार के सांसद धर्मेंद्र यादव के माथे पर चोट लगी और सपाइयों ने चोट का दर्द पूरे प्रदेश के सपा कार्यकर्ताओं को महसूस कराने में कामयाबी हासिल की है। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में जमकर बवाल हुआ जिसे साफ हो गया कि सत्ता के गलियारे में आगे और भी चोट दर्द और सियासी रंग देखने को मिलेंगे।