मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर भगवा आतंकवाद का आरोप लगा था। कांग्रेस सरकार के समय साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद जूना अखाड़े ने उन्हें निलंबित कर दिया था। वहीं, एनआईए की विशेष अदालत से बरी होने के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद सहित जूना अखाड़े ने भी उनका निलंबन वापस कर लिया। अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों और जूना अखाड़े के वरिष्ठ संत और पदाधिकारियों की सहमति के बाद उन्हें अखाड़े में स्थान दिया है।
अखाड़े में कोई पद नहीं दिया गया
जूना अखाड़े की महामंत्री महंत हरि गिरी महाराज ने पत्रिका से बताया कि साध्वी प्रज्ञा ने जूना अखाड़े के पदाधिकारियों से मिलकर प्रयागराज के कुंभ मेले में शामिल होने की इच्छा जताई थी जिसकी उन्हें अनुमति दे दी गई है लेकिन प्रज्ञा को जूना अखाड़े में कोई पद नहीं दिया जाएगा। जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक महंत हरी गिरी ने बताया, प्रज्ञा आचार्य गुरु पीठाधीश्वर अवधेशानंद महाराज की शिष्या हैं। जब उनके ऊपर देशद्रोह का आरोप लगा तो अखाड़ों ने बाहर कर दिया था। यहां हमारे यहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया है अगर किसी व्यक्ति पर देशद्रोह का आरोप लगता है तो हम उसे अपने साथ नहीं रख सकते। लेकिन अब वे निर्दोष साबित हुईं, उनके ऊपर लगाए गए आरोप झूठे साबित हुए हैं। इसलिए उनका निलंबन वापस लिया गया है। प्रज्ञा ठाकुर आगामी कुंभ मेले में जूना अखाड़े की पेशवाई में शामिल होंगी और उपवास करेंगी।
नौ साल जेल में बिताना पड़ा
गौरतलब है कि प्रज्ञा ठाकुर को एटीएस ने देशद्रोह के मामले में आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया था। जिसके बाद जूना अखाड़े ने उन्हें निलंबित कर दिया था साथ ही तत्कालीन जूना अखाड़े के पदाधिकारियों ने कहा था कि प्रज्ञा का अखाड़े से कोई संबंध नहीं है। प्रज्ञा ठाकुर ने 9 साल जेल बाद जेल से रिहाई के बाद गंगा स्नान किया था।