संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया समाज में हिंदुत्व के बिखराव पर संघ गंभीर है।जाति के नाम पर हिन्दू समाज का अलगाव ठीक नही है।जिसे रोकने के और समाज को बचाने लिए सभी जाति के लोगो को हिंद्त्व की कल्पना को साकार करने के लिए एक होना होगा। चुनाव के मद्देनजर संघ के कार्यकर्ताओं का प्रवास बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल देश और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद संघ में स्वयंसेवकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है।संघ व्यापक पैमाने पर हिंदुत्व के साथ सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक समारोह के जरिए युवकों को अपने साथ जोड़ने में सफल रहा है। अब उन्हीं कार्यकर्ताओं के जरिए संघ हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर समाज में जाने को तैयार है।
गौरतलब हो की मोदी सरकार द्वारा आरक्षण विधेयक को पारित करने के बाद सवर्ण समाज के लोगो ने अपनी गंभीर नाराजगी जताई। पहली बार भाजपा सरकार के खिलाफ सवर्णों ने सड़कों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन किया। जबकि यही समाज बीते दो दशको से भाजपा को ही समर्थन देता रहा है। संघ और भाजपा यह जानती है की यूपी और विशेष तौर पूर्वांचल में बिना सवर्ण समाज के समर्थन के भाजपा को जीत नही मिल सकती है। भाजपा के कैडर में सवर्णों की बड़ी संख्या है।जिसके हटने का डर भाजपा और संघ को सता रहा है ।
आरक्षण मुद्दे के बाद मोदी सरकार की जमीन यूपी में खिसकती दिख रही है। पार्टी से बड़ा वोट बैंक टूटने का डर है।जिसे भांपते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज के अपने पुराने कार्यकर्ताओं को जोड़ने के साथ नए कार्यकर्ताओं का प्रवास करा कर भाजपा की नीतियों और हिंदुत्व की विचारधारा पर लगे प्रश्न चिन्ह को सुलझाने का प्रयास कर रही है। वही राम मंदिर के मुद्दे पर सवालों के घेरे में आई मोदी सरकार की योजनाओं और भविष्य के कार्यों को पहुंचाने का काम शुरू हो रहा है।संघ का सामाजिक प्रवास सितम्बर माह के अंत तक शुरू हो जाएगा।जिसकी कार्ययोजना तैयार की जा रही है।