राष्ट्रपति ने कहा कि आज हम संकल्प लें और बापू के स्वच्छताग्रही मिशन को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि गांधी जी के मन में स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाने की पीड़ा थी। वह हमेशा स्वच्छता को लेकर चिंतित रहते थे। स्वच्छता की कसौटी शौचालय में मिलती है। स्वच्छता का संबंध हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। हम स्वस्थ्य रहेंगे तो हमारा परिवार स्वस्थ्य रहेगा और परिवार स्वस्थ्य रहेगा तो गांव स्वस्थ्य रहेगा। इसी तरह स्वस्थ्ता का क्रम बढ़ता रहेगा।
परमार्थ निकेतन में लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने लोगों का अभिनंदन किया, साथ ही परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष को इस कार्यक्रम के लिए विशेष धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि मोक्षदायिनी गंगा को पार करने में कई जन्म लग जाते हैं। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि मुझे इस मोक्षदायिनी गंगा को पार करने में सवा घंटे ही लगे। उन्होंने गांधियन कांफ्रेंस के कार्यक्रम में देर से आने के लिए लोगों से माफी भी मांगी।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 450 साल बाद अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन हुए हैं। यह आजादी के बाद का पहला कुंभ है, जब गंगा के प्रवाह में कोई रूकावट नहीं हो रही है। गंगा में पानी की कोई कमी नहीं है।