बताते चलें कि मऊ में ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना और उनके सुरक्षाकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। मुख्तार अंसारी को इस हत्याकांड में आरोपी बनाया था। इसके बाद हत्याकांड के चश्मदीद गवाह रामसिंह मौर्या की भी उनके सुरक्षाकर्मी समेत गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गयी थी। इसमें भी आरोप मुख्तार अंसारी को ही आरोपी बनाते हुए नामज़द किए गए। सेशन कोर्ट ने जमानत नहीं दी तो मुख्तार ने हाईकोर्ट का रुख किया। तीन महीने पहले जमानत अर्जी खारिज हो गयी थी, जिसके बाद दोबारा अर्जी दाखिल होने पर, ज़मानत मिल गयी