यह आदेश न्यायमूर्ति सूर्यप्रकाश केशरवानी ने नागेश्वर प्रसाद पी.एम.वी. देवरिया की प्रबंध समिति की याचिका पर दिया है। प्रदेश के महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि अनिवार्य शिक्षा कानून नियमावली में जरूरी बदलाव की प्रक्रिया की जा रही है और राज्य सरकार वैधानिक रूप से अनिवार्य शिक्षा कानून को लागू करने के लिए बाध्य है।
सरकार कोर्ट की मांगी गयी सभी जानकारी हलफनामे के जरिए उपलब्ध करायेगी और अनिवार्य शिक्षा कानून पूरी तरह से प्रदेश में लागू किया जायेगा। कोर्ट ने राज्य सरकार को इससे पहले निर्देश दिया था कि प्राइमरी स्कूलों के अध्यापकों व स्टाफ का कम्प्यूराइज्ड डाटा तैयार किया जाए ताकि स्टाफ व अध्यापक के सेवानिवृत्ति से पहले नियुक्ति की जा सके और शिक्षा में अवरोध न आने पाए। कोर्ट ने वेबसाइट पर डाटा अपलोड करने को भी कहा है।
कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि खाली पदों को भरने की अनुमति अपने आप देने का तंत्र विकसित किया जा सकता है ताकि खाली पदों को भरने के लिए अनुमति लेने में अनावश्यक देरी न हो और सत्र शुरू होने से पहले अध्यापक नियुक्त हो सके। कोर्ट ने अनिवार्य शिक्षा कानून के सभी उपबंधों का पालन कर अगली सुनवाई की तिथि पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
BY- Court Corrospondence