इसे भी पढ़ें HC की फटकार, नई पेंशन स्कीम अच्छी है तो सांसदों-विधायकों पर क्यों नहीं लागू करते यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने स्वतः प्रेरित जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।राजकीय मुद्रणालय के कर्मचारियों की हड़ताल से काजलिस्ट न छप पाने के चलते न्यायिक कार्य में व्यवधान को देखते हुए कोर्ट की सख्ती पर हड़ताल खत्म हो गयी।कर्मचारी नेताओ ने अपनी दो दिन की तनख्वाह पुलवामा पीड़ितों को दिया। तो दूसरी तरफ कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा की कर्मचारियों की मांग पर विचार क्यों नही हो सकता और बिना कर्मचारियों की सहमति के उनका पैसा सरकार शेयर मार्केट में कैसे लगा सकती है।
इसे भी पढ़ें नई पेंशन HC से आई बड़ी खबर, पहले कहा था अच्छी है तो विधायक-सांसदों पर क्यों नहीं लागू करते क्या सरकार न्यूनतम पेंशन देने को तैयार है।साथ ही पूछा था कि यदि नई पेंशन स्कीम अच्छी है तो नेताओ नौकरशाहों पर क्यों नही लागू करते।और क्या कर्मचारियों को संतुष्ट करना राज्य की जिम्मेदारी नही है।कोर्ट ने सरकार से सभी मुद्दों पर रुख स्पष्ट करने को कहा था और जवाब मांगा था।सरकार की तरफ से 6 हफ्ते का समय मांगा गया किन्तु कोर्ट ने 17 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का समय दिया है।
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