देव दीपावली पर संगम की रेती पर एक साथ आस्था के लाखों दीये जगमगा उठे।देव दीपावली के मनोरम दृश्य को देखने के लिये मानोआसमान से सितारे ज़मीन पर उतर आये हों। इस मौके पर संगम के घाटों और जल की बीच धारा में आतिशवाजी की गई।संगम की धारा से निकली आतिशबाजियां नीचे जलते द्वीप और आसमान को सतरंगी बना आतिशबाजी ने सबको आकर्षित किया ।आरती में साधु-संतों और महिला साध्वियों के साथ ही हज़ारों श्रद्धालु भी शामिल हुए हैं। देव दीपावली के साथ ही यमुना तट पर लगने वाला कार्तिक मेले का समापन हुआ।
जिलाधिकारी सुहास एल.वाई. के नेतृत्व में जिला प्रशासन का आयोजन हुआ।देव दीपावली पर संगम तट के भव्य आयोजन जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ त्रिवेणी की आरती करने के बाद संगम तट पर दीप प्रज्जवलित का कार्यक्रम किया गया। इस भव्य दीपावली कार्यक्रम का शुभारम्भ न्यायाधीश कृष्ण मुरारी ने दीप प्रज्जवलित कर किया । इस कार्यक्रम में कृष्ण सिंह, सिद्धार्थ, अनिल त्रिपाठी, बी.के. नारायण न्यायाधीश सहित बिग्रडेयिर एस.एल. जोशी, आरएएफ कंमाडेंट दिनेश चंदेल, एडीजी, एसएसपी के साथ स्वयं सेवा संस्थाओं के संगठन एवं विभागों के अधिकारियों से सहित स्थानीय जनसमूह भारी मात्रा में तथा मीडिया के बन्धु भी इस कार्यक्रम के साक्षी रहे।
देव दीपावली के इस पर्व पर संगम तट पर कथक,चारकुला, झूमर सहित विभिन्न विधाओं पर नृत्य भजन गायन का कार्यक्रम किया गया। त्रिवेणी जी आरती भी की गयी। जिसमें वैदिक मंत्रो के द्वारा विधिवत आरती की गयी।आरती कर मां गंगा का आर्शीवार्द लिया। आरती उपरान्त दीप प्रज्वलित का कार्यक्रम शुरू किया गया जिसमें देखते देखते ही पूरा संगम घाट एवं क्षेत्र दीयो से जगमगा उठा और लगभग दो लाख से अधिक दीये जलाये गये।जिलाधिकारी ने इस अवसर पर लोगों को सम्बोधित करते हुए देव दीपावली एवं गुरूनानक जयन्ती की बधाई दी और अपील भी कि इसी तरह त्यौहारों को मिलजुल कर मनाया जाय। उन्होंने गणमान्य अतिथियों को शाल एवं देव दीपावली पर बने चित्रों को भेंट स्वरूप दिया।