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गैंगवार में शातिर अपराधी की मौत के साथ कई राज दफन, सफ़ेदपोश नेताओ से थे सम्बन्ध

locationप्रयागराजPublished: Sep 17, 2018 05:17:00 pm

एक करोड़ की सुपारी लेकर जेल शूटआउट कांड में आया नाम

Criminal rais

rais Banarasi

इलाहाबाद:उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में अलग.अलग हिस्सों में कुख्यात अपराधियों का बड़ा ठिकाना रहा है। दो दिन पहले बनारस में हुए गैंगवार में मारा गया कुख्यात शूटर पचास हजार का इनाम बदमाश जो कई सालों तक क्राइम ब्रांच पुलिस और एसटीएफ को चकमा देता रहा है। कहा जाता है कि कई बार तो पुलिस वालों के सामने से गुजर जाता था उसे लोग पहचान नहीं पाते थे। कई बड़ी घटनाओं को पुलिस की वर्दी में ही अंजाम देता और निकल जाता था।

मौत के साथ दफन हुए कई राज
शुक्रवार को बनारस में हुए गैंगवार के दौरान पचास हजार का इनामी बदमाश रईस बनारसी मारा गया। रईस बनारसी पूर्वांचल से लेकर इलाहाबाद और कानपुर तक खौफ का पर्याय बना हुआ था। जिसकी तलाश में लंबे समय तक पुलिस लगी रही। रईस कई वारदातों में शामिल रहा उसका नाम यूपी के कई बड़े हत्याकांड में आया। लेकिन पुलिस की पकड़ से दूर रहा।शुक्रवार को बनारस में उसकी लाश मिली। जिसके साथ प्रदेश में हुई कई बड़ी घटनाओं का राज दफन हुआ।

बंसल हत्या कांड में था मुख्य सस्पेक्ट
12 जनवरी 2017 की रात प्रदेश के प्रसिद्ध डॉ अश्वनी कुमार बंसल (ए.के बंसल) हत्याकांड जिसमें तत्कालीन अखिलेश सरकार के मंत्री सहित भाजपा के दिग्गज नेता तक नाम सामने आया। बंसल हत्याकांड में रईस मुख्य सस्पेक्ट माना जा रहा था। डॉ ए के बंसल की हत्या उनके निजी अस्पताल के चेंबर में गोली मारकर हुई थी।इस मामले में एसटीएफ ने पूर्वांचल के जिन शूटरों पर अपना संदेश जताया। उसमें रईस बनारसी का नाम सबसे ऊपर था। हत्याकांड के बाद अस्पताल में मौजूद लोगों से पूछताछ कर बनाए गए स्केच शेख रईस बनारसी का चेहरा मिल रहा था जिसके बाद रईस की तलाश में यूपी पुलिस एसटीएफ और क्राइम ब्रांच बनारस से लेकर बिहार और कानपुर तक भटकती रही लेकिन वह हिरासत में नहीं आया।

अख्तर कटरा से मिलने आता था जेल
रईस बनारसी शातिर शूटर था।उसके संबंध कई बड़े पेशेवर हत्या करे वाले आपराधियों से थे। बंसल हत्याकांड से पहले कई बार नैनी सेंट्रल जेल में बंद शातिर अपराधी अख्तर कटरा से मिलने आता था। और माना जा रहा था कि जेल में ही बंसल हत्याकांड की खिचड़ी पकाई गई थी।इस मामले में एसटीएफ ने जेल में बंद कई बड़े शूटरों से पूछताछ की थी। लेकिन रईस बनारसी पुलिस की पकड़ से दूर रहा।

एक करोड़ की सुपारी का आरोप
वही बंसल हत्याकांड के बाद रईस का नाम नैनी जेल के बाहर हुए शूटआउट कांड में भी आया। गौरतलब है कि 5 जून 2016 को नैनी जेल के बाहर तीन लोगों को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया था।जिले के झुंसी थाना अंतर्गत शेरडीह इलाके के रहने वाले ज्ञानचंद यादव और लालता यादव की हत्या की गई थी। उन दिनों हत्याकांड के बाद रईस बनारसी क नाम सुर्खियों में आया कहा जाता था। कहा जाता है की रईस बनारसी ने करोड़ रुपए की सुपारी लेकर इस घटना को अंजाम दिया था। लेकिन ज्ञानचंद के परिवार ने कई लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया था।जिसके चलते पुलिस ने इस मामले में रईस के पीछे छोड़ दिया था।

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