कंपनी की सम्पत्ति समापन प्रक्रिया शुरू होने के बाद पूर्व निदेशक ने दूसरों को कब्जे में दे दी। यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र ने मेसर्स राजेन्द्रा स्टील कानपुर की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि 1998 में कंपनी के समापन की कार्यवाही शुरू की। 2006 में घोटाले का पता चलने पर सीबीआई जांच बैठायी गयी। करोड़ों की देनदारी का शिकंजा कसते देख पूर्व निदेशक विदेश भाग गया। कोर्ट के कड़े रूख के बाद सीबीआई ने बत्रा के अमेरिका से प्रत्यर्पण की कार्यवाही की। याचिका की सुनवाई 21 फरवरी को होगी।
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