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यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी भोंसले तथा न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ ने भारत संचार निगम वाराणसी की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सुबोध कुमार व प्राधिकरण के अधिवक्ता विवेक वर्मा ने पक्ष रखा। मालूम हो कि वीडीए ने 147 एकड़ की लालपुरा हाउसिंग स्कीम में से 10 एकड़ बीएसएनएल को रिहायशी उद्देश्य से आवंटित किया। 15.50 लाख रूपये प्रति एकड़ अनुमानित मूल्य के आधार पर याची ने कुल 170.50 लाख रूपये जमा किये। बाद में प्राधिकरण ने 18.95 लाख रूपये प्रति एकड़ की दर से 37.95 लाख तथा 3.79 लाख फ्री होल्ड चार्ज की 2004 में मांग की। 2008 में भी भुगतान की नोटिस दी किन्तु भुगतान नहीं किया गया। यह भी पढ़ें
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प्राधिकरण का कहना है कि वास्तविक कीमत की वसूली की जा रही है। जब कि बीएसएनएल का कहना है कि उसने तय रेट से पूरा भुगतान कर दिया है। अब उसे बढ़ी हुई कीमत जबरन जमा करने को कहा जा रहा है, जो गलत है।
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