कोर्ट ने कहा कि जांच रिपोर्ट में जिन्हें दोषी माना गया इनमें याचीगण शामिल नहीं थे तो इनका तबादला दण्ड स्वरूप नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने 4 सितम्बर व 6 सितम्बर 18 के तबादला आदेशों को विधिविरुद्ध व अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति बी. अमित स्थालेकर तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खण्डपीठ ने आनन्द कुमार पाठक व अन्य की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया है।
याची अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि कानपुर नगर के सेक्टर 7 व कानपुर देहात के सर्किल 3 में माधुरी ब्रांड की जहरीली शराब पीने से दर्जनों बीमार हो गए जिसमें से 9 लोगों की मौत हो गयी। आबकारी विभाग की टीम ने जांच की और लापरवाही के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुत्ति करते हुए रिपोर्ट दी। मरने वाले सचेड़ी के दूल, हेतपुर, भूल व सुरार गांव के थे। एक विधायक के रिश्तेदार रुरा गांव के विनय सिंह ने उन्नाव डिस्टिलरी के पास बनी अवैध शराब की आपूर्ति की थी। सेक्टर 7 के आबकारी निरीक्षकों पर कार्यवाही की गयी किन्तु अन्य जगहों पर तैनात याचियों का भी तबादला कर दिया गया। जबकि इन्हें जांच में दोषी नहीं पाया गया था। तो उन्होंने तबादले को दंडात्मक मानते हुए चुनौती दी जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया है।
BY- Court Corrospondence