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नगरपालिका परिषद् के सात कर्मियों की बर्खास्तगी रद्द

locationप्रयागराजPublished: Aug 07, 2018 10:15:32 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

नये सिरे से निर्णय लेने का निर्देश

allahabad High court

इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद. ‎इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नगरपालिका परिषद् नगीना बिजनौर के जलकार्य विभाग के सात चतुर्थ श्रेणी अस्थायी कर्मचारियों को बर्खास्त करने के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि बर्खास्तगी से पहले कर्मचारियों को सुनवाई का अवसर न देकर नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्तों का उल्लंघन किया गया है। कोर्ट ने अधिशासी अधिकारी को नियमानुसार सेवा परिलाभों सहित नये सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याचियों की सुनवाई कर अंतिम निर्णय लेने को कहा है।
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यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने महेश व अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची संख्या एक से पांच तक सफाई कर्मचारी एवं छह खलासी व सात मीटर रीडर के पद पर नियुक्त हुए थे। नियुक्ति आदेश को अवैध व अनियमित मानते हुए रद्द कर दिया गया। कहा गया कि नियुक्ति से पहले सरकार से अनुमति नहीं ली गयी थी।
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कोर्ट ने सरकारी वकील से जानना चाहा कि किस नियम, कानून के तहत नियुक्ति से पहले सरकार की अनुमति लेना जरूरी है और बिना कारण बताओ नोटिस दिये बगैर बर्खास्त किस नियम से किया जा सकता है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर कोर्ट ने आदेश रद्द कर दिया।
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कोर्ट ने यह भी कहा है कि याचियों के खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश नहीं है। ऐसे में बिना सुने सेवा समाप्ति करना उचित नहीं है। कोर्ट ने बर्खास्तगी आदेश को रद्द करते समय इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का भी हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्तों का उल्लंघन कर पारित आदेश कायम रहने योग्य नहीं है।
BY- Court Corrospondence

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