गोल्डन बाबा ने हाई कोर्ट ऐसा करने का आश्वासन भी दिया है। मेला प्रशासन द्वारा शाही स्नान की अनुमति न देने को याचिका में चुनौती दी गयी थी। यह आदेश न्यायमूर्ति पी के एस बघेल तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने गोल्डन बाबा की याचिका पर दिया है।
राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता सुधांशू श्रीवास्तव का कहना था कि मेला क्षेत्र में मारपीट के मामले में याची पर पाबंदी की कार्यवाही की गयी है।इनके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे है। तीन में सजा हो चुकी है। जूना अखाड़ा ने इन्हें निष्कासित कर दिया है। शाही स्नान अखाड़ो द्वारा किया जाता है।
ऐसे में याची को शाही स्नान की अनुमति नही दी जा सकती।याची की तरफ से कहा गया कि उसे स्नान करने नही दिया जा रहा है।जिसपर कोर्ट ने कहा कोई किसी को भी स्नान करने से नही रोक सकता।वह आम आदमी की तरह से स्नान कर सकते है।किंतु उनकी वजह से कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़नी नही चाहिए।