अखिलेश यादव ने कुंभ में आकर संगम मेें डुबकी लगायी थी। अखिलेश यादव ने जब संगम में स्नान किया था तो उनके साथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी भी थे। स्नान करने के बाद अखिलेश यादव ने खुद ही कहा था कि मैंने उन्हें भी नहला दिया। इसके बाद महंत नरेन्द्र गिरी ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव को कुंभ में होने वाले अचला सप्तमी समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। महंत ने कहा था कि उनकी इच्छा है कि मुलायम सिंह यादव का परिवार उनके यहां पर आये। अखिलेश यादव ने आने पर सहमति व्यक्त कर दी थी। इसी दिन इलाहाबाद विश्वविद्यालय का वार्षिकोत्सव था और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस कार्यक्रम में भी भाग लेना था लेकिन कुंभ में कानून व्यवस्था बिगडऩे की संभावना जताते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने अखिलेश यादव को प्रयागराज आने की अनुमति नहीं थी इसके बाद बदायूं से सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव कुंभ नगरी पहुंच गये थे और धरना-प्रदर्शन शुरू किया था। अराजतक तत्वों के पुलिस पर पथराव के बाद स्थिति बिगड़ गयी थी। पुलिस के लाठीचार्ज में कई सपा नेता घायल हुए थे। इसको लेकर प्रदेश भर में सपा कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन भी किया था।
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अखिलेश यादव को रोके जाने पर नरेन्द्र गिरी ने दिया था बड़ा बयान
अखिलेश यादव को रोके जाने पर अखाड़ा परिषद के महंत नरेन्द्र गिरी ने बड़ा बयान दिया था उन्होंने कहा था कि अचला सप्तमी पर आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए पूर्व सीएम आ रहे थे इसलिए उन्हें रोका नहीं जाना चाहिए था। महंत के बयान के बाद से बीजेपी परेशान हो गयी है। बीजेपी के नेताओं ने अब महंत को लेकर बयान देना शुरू कर दिया है। बीजेपी नेता कह रहे हैं कि महंत नरेन्द्र गिरी सपा कोटे से राज्यसभा सदस्य बनना चाहते हैं तो अन्य नेताओं का कहना है कि एक तरफ नरेन्द्र गिरी राम मंदिर निर्माण की बात करते हैं तो दूसरी तरफ सपा से नजदीकी बढ़ा रहे हैं। बीजेपी के पूर्व प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य सुबोध सिंह ने कहा था कि महंत नरेन्द्र गिरी को यह याद रखना चाहिए कि मुलायम सिंह यादव ने ही कारसेवकों पर गोली चलायी थी। पूर्व डिप्टी मेयर मुरारी लाल ने कहा कि संत को किसी पार्टी का नहीं होना चाहिए। संत को सभी पार्टी को एक नजर से देखना चाहिए।
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अखिलेश यादव को रोके जाने पर अखाड़ा परिषद के महंत नरेन्द्र गिरी ने बड़ा बयान दिया था उन्होंने कहा था कि अचला सप्तमी पर आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए पूर्व सीएम आ रहे थे इसलिए उन्हें रोका नहीं जाना चाहिए था। महंत के बयान के बाद से बीजेपी परेशान हो गयी है। बीजेपी के नेताओं ने अब महंत को लेकर बयान देना शुरू कर दिया है। बीजेपी नेता कह रहे हैं कि महंत नरेन्द्र गिरी सपा कोटे से राज्यसभा सदस्य बनना चाहते हैं तो अन्य नेताओं का कहना है कि एक तरफ नरेन्द्र गिरी राम मंदिर निर्माण की बात करते हैं तो दूसरी तरफ सपा से नजदीकी बढ़ा रहे हैं। बीजेपी के पूर्व प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य सुबोध सिंह ने कहा था कि महंत नरेन्द्र गिरी को यह याद रखना चाहिए कि मुलायम सिंह यादव ने ही कारसेवकों पर गोली चलायी थी। पूर्व डिप्टी मेयर मुरारी लाल ने कहा कि संत को किसी पार्टी का नहीं होना चाहिए। संत को सभी पार्टी को एक नजर से देखना चाहिए।
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