जस्टिस मालवीय ने लिए निर्णय
हिंदू छात्रावास जल्द ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय का अभिन्न हिस्सा हो जाएगा। अभी तक हिंदू हॉस्टल का संचालन मदन मोहन मालवीय हिंदू बोर्डिंग सोसाइटी द्वारा किया जाता था। बता दें की इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध कई ऐसे हॉस्टल हैं जो ट्रस्ट द्वारा संचालित होते हैं। आने वाले कुछ महीनों में हिन्दू हॉस्टल इलाहाबाद विश्वविद्यालय का हिस्सा होने जा रहा है। इस सिलसिले में ट्रस्ट के संरक्षक गिरिधर मालवीय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हांगलू ने कार्य आरंभ कर दिया है । गुरूवार को विश्वविद्यालय में इससे संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में हिंदू बोर्डिंग हाउस सोसाइटी के संरक्षक जस्टिस गिरिधर मालवीय अध्यक्ष के के मालवीय सचिव राजेश सिंह की विश्वविद्यालय के अधिकारीयों के साथ महत्वपूर्ण हुई जिसमें विश्वविद्यालय की ओर से रजिस्ट्रार प्रो नरेंद्र शुक्ल, वित्त अधिकारी सुनील कांत मिश्र कुल अभियंता नवीन सिंह, कुलपति के विशेष कार्य अधिकारी डॉ चितरंजन कुमार और लॉ ऑफिसर पीयूष मिश्रा उपस्थित सम्मलित हुए ।
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पांच सौ करोड़ की है छात्रावास की मालियत
बता दें की अभी हिंदू हॉस्टल ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है तथा विश्वविद्यालय द्वारा इसे अधिकृत करने में कई समस्याएं होती हैं। इन्ही मुद्दों पर चर्चा हुई के बाद तय किया गया कि आने वाले कुछ महीने में शीघ्र ही सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएगी। बैठक में इस बात पर सहमति बनी की इलाहाबाद विश्वविद्यालय जल्द ही हिंदू हॉस्टल की ईमारत पूरी जमींन और उसकी देनदारियों सहित उसे 29 वर्ष 11 माह के लिए परपिचुअल लीज पर अधिगृहित कर लेगा।इसके लिए विश्वविद्यालय को मात्र 30 रुपए देने होंगे। यह अवधि समाप्त होने पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय इस लीज को कई बार पुनः नवीनीकृत कर सकेगा। हिंदू हॉस्टल पर वर्तमान में एक करोड़ पचासी लाख का विद्युत बिल भी बकाया है। यह राशि भी विश्वविद्यालय को ही चुकानी होगी। वर्तमान में हिन्दू हॉस्टल की जमीन की कीमत 500 करोड़ से ज्यादा है।
इतिहास के पन्नो में दर्ज है इसका नाम
महामना द्वारा स्थापित कराया गया यह पहला सार्वजनिक संस्थान है। इसके निर्माण में ढाई लाख से अधिक रूपये खर्च हुए थे, जिसका निर्माण उन्होंने चन्दा इकट्ठा करके कराया था। चंदा देने वालों के नाम आज भी कमरों के बाहर अंकित है। इसका नाम मैकडोनल हिन्दू बोर्डिंग हाउस रखा गया । जिसे बाद में मालवीय हिन्दू बोर्डिंग हाउस के नाम से जाना जाने लगा। प्रख्यात इतिहास कार पंडित सुन्दर लाल इसी छात्रवास में रहते थे । आज़ादी की लड़ाई में यह क्रांति कारियों के छिपने प्रमुख का स्थान रहा। चन्द्र शेखर आज़ाद इसी छात्रावास में रुका करते थे । भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर शेखर यही के अन्तःवासी रहते हुए विवि के अध्यक्ष चुने गये यही से देश की सियासत में कदम रखा।
जल्द पूरी होंगी कानूनी प्रक्रिया
कुलपति के विशेष कार्य अधिकारी डॉ चितरंजन कुमार ने बताया की हिन्दू हॉस्टल पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित पहला सार्वजनिक संस्थान है। न्यायमूर्ति गिरीधर मालवीय और कुलपति प्रो रतन लाल हांगलू के प्रयास से यह जल्द ही विश्वविद्यालय का हिस्सा बन जाएगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय हिंदू बोर्डिंग हाउस सोसाइटी के प्रति हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित करता है। हम अगले तीन महीने में सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर लेंगे।