घटनाक्रम के अनुसार गुरुवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे इंस्पेक्टर हरदुआगंज डॉ. विनोद कुमार साधु आश्रम पर वाहन चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान एक बाइक सवार दो लोगों को रुकने का इशारा किया। दोनों तेजी से माछुआ नहर की ओर भागे। बाइक का नंबर देखने पर पता चला कि यह बुधवार रात तालसपुर पुलिया के पास तालानगरी की फैक्ट्री के मजदूरों से लूटी गई थी। दोनों बदमाशों का पीछा शुरू किया गया। कुछ देर बाद बदमाश खुद को घिरता देख माछुआ नहर के झाल पर स्थित सिंचाई विभाग के पुराने खंडहरनुमा दफ्तर में छिप गए और अंदर से पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। इस पर पुलिस टीम ने भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। सूचना पर इंस्पेक्टर अतरौली, इंस्पेक्टर पालीमुकीमपुर, इंस्पेक्टर अकराबाद, इंस्पेक्टर क्वार्सी, इंस्पेक्टर गांधीपार्क के अलावा एसएसपी अजय कुमार साहनी, एसपी सिटी अतुल श्रीवास्तव, एसपी देहात मणीलाल पाटीदार, एएसपी नीरज जादौन, एसओजी/क्राइम ब्रांच आदि टीमें पहुंच गईं। करीब एक घंटे तक दोनों ओर से कई दर्जन राउंड फायरिंग हुई।
इसमें दोनों बदमाश व एसओ पाली प्रदीप कुमार जख्मी हो गए। तीनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों बदमाश मुस्तकीम पुत्र इरफान व नौसाद पुत्र राशिद निवासीगण गली नंबर आठ शिवपुरी छर्रा हाल निवासी मोहल्ला भैंसपाड़ा अतरौली को मृत घोषित कर दिया गया। अस्पताल ले जाते समय अपने नाम बताने पर स्पष्ट हुआ कि दोनों साधुओं व किसानों सहित छह लोगों की हत्या के आरोपी 25-25 हजार के इनामी हैं। इनके पास से बरामद बाइक रात तालसपुर से लूटी गई मिली है। अभी एक बदमाश अफसर पुत्र अल्लादीन निवासी मुहल्ला छटवां, उझांनी, बदायूं फरार चल रहा है। बता दें कि पिछले दिनों पकड़े गए इस गैंग के मास्टर माइंड सहित पांच बदमाशों ने हरदुआगंज के तिहरे हत्याकांड सहित जिले में अब तक कुछ छह हत्याएं करना स्वीकारा था, जिनमें से दो साधु मारे गए थे।
पुलिस और बदमाशों के बीच शुरू हुई फायरिंग करीब एक घंटे तक चली। सुबह-सुबह शुरू हुई फायरिंग को सुनकर आसपास काफी भीड़ जमा हो गई। इस दौरान मुठभेड़ टीम की कमान एसएसपी अजय कुमार साहनी ने संभाली। सर्विलांस प्रभारी बुलेट प्रूफ जैकेट पहने होने के कारण बाल-बाल बच गए।