ये था पूरा मामला
शहर के देहलीगेट इलाके के महफूज नगर निवासी महिला का निकाह दो साल पहले असम के एक मौलवी के साथ हुआ था। मौलवी दिल्ली में मदरसा चलाता है। दंपती पर कोई बच्चा नहीं है। 16 नवंबर 2018 को महिला अपने मायके आ रही थी। शौहर ने उसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठा दिया था। दोपहर बाद शौहर ने अलीगढ़ पहुंचने की जानकारी लेने के लिए उसे फोन किया तो बंद मिला। ससुराल में फोन करने पर पता चला कि वह नहीं पहुंची है। दोनों पक्ष के लोग तलाश में जुट गए। लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद पिछले दिनों जीआरपी थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी गई।
शहर के देहलीगेट इलाके के महफूज नगर निवासी महिला का निकाह दो साल पहले असम के एक मौलवी के साथ हुआ था। मौलवी दिल्ली में मदरसा चलाता है। दंपती पर कोई बच्चा नहीं है। 16 नवंबर 2018 को महिला अपने मायके आ रही थी। शौहर ने उसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठा दिया था। दोपहर बाद शौहर ने अलीगढ़ पहुंचने की जानकारी लेने के लिए उसे फोन किया तो बंद मिला। ससुराल में फोन करने पर पता चला कि वह नहीं पहुंची है। दोनों पक्ष के लोग तलाश में जुट गए। लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद पिछले दिनों जीआरपी थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी गई।
इसके बाद जीआरपी ने सर्विलांस की मदद से महिला का तलाश शुरू की। इस दौरान युवती ने अपना सिम बदल दिया था, लेकिन मोबाइल की लोकेशन के आधार पर उसकी मौजूदगी सोनभद्र जिले में मिली। जीआरपी की टीम परिजनों को लेकर वहां पहुंची तो महिला वहां मिल गई। पहले तो महिला ने शौहर के साथ जाने से इंकार कर दिया, लेकिन परिजनों के समझाने पर वो पति के साथ जाने को राजी हो गई। इस बीच महिला ने पूछताछ के दौरान बताया कि ट्रेन में युवक से बातचीत करने के दौरान उसे युवक का सलीका व रहन-सहन बहुत अच्छा लगा और इसलिए वो उसके साथ चली गई। फिलहाल महिला को उसकी मर्जी पर शौहर के साथ भेज दिया गया है।