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Big News: डॉक्टर ने चार लाख रुपये लिए और आंतें काटकर कूड़ेदान में फेंक दीं, मरीज की मौत, हंगामा, जांच कमेटी गठित

locationअलीगढ़Published: Jul 10, 2019 10:11:20 am

Submitted by:

suchita mishra

-इलाज के नाम पर डॉक्टर की लापरवाही उजागर-मरीज मर गया था, हंगामा हुआ तो कहा कि जिन्दा है-जिलाधिकारी और सीएमओ ने जांच के लिए बनाईं समिति

 Veerpal's Father Suresh

Veerpal’s Father Suresh

अलीगढ़। मरते हुए इंसान को नई जिंदगी देने वाले डॉक्टर को हमारे समाज में भगवान का दर्जा दिया जाता है। लेकिन अलीगढ़ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बाद हर कोई डॉक्टर को कोस रहा है। यहां डॉक्टर ने मरीज से इलाज के नाम पर चार लाख रुपये ले लिए। इसके बदले मरीज की आंतें काटकर कूड़ेदान में फेंक दीं। इससे मरीज की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने हंगामा किया। आतें सील कर दी गई हैं। जिलाधिकारी ने जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। मृतक की पत्नी ने डॉक्टर के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है।
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एक जुलाई को भर्ती हुआ था
ये किस्सा रामघाट रोड स्थित मिथराज हॉस्पिटल का है। भीमनगर, हरदुआगंज निवासी वीरपाल (45 वर्षीय) राजमिस्त्री है। एक जुलाई को उसके पेट में दर्द हुआ। उसे रामघाट रोड स्थित मिथराज हॉस्पिटल में भर्ती कराय गया। दो जुलाई को वीरपाल का ऑपरेशन हुआ। इसके बाद इंटेसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में रख दिया गया। इलाज पर चार लाख रुपये व्यय हो गए। वीरपाल के पिता सुरेश ने उधार लेकर रुपये जुटाए थे। ऑपरेशन के बाद छह जुलाई को चिकित्सकों ने वीरपाल को पीने के लिए पानी दिया। इसके बाद उसका पेट फूलने लगा। चिकित्सकों ने कहा कि दूसरा ऑपरेशन होगा। एक कागज पर सुरेश और वीरपाल की पत्नी के अंगूठे का निशान ले लिया। इसके बाद सोमवार को दूसरा ऑपरेशन किया गया।
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दूसरे ऑपरेशन करने के डेढ़ लाख रुपये और मांगे
वीरपाल के पिता सुरेश का कहना है कि ऑपरेशन के दौरान ही मुझे और एक अन्य सदस्य को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। वीरपाल का पेट फटा हुआ था और आंतें बाहर निकली हुई थीं। यह देखकर पिता सुरेश बेहोश हो गए। इस दौरान डॉक्टर ने डेढ़ लाख रुपये और मांगे। 35 हजार रुपये का इंतजाम हो पाया, जो डॉक्टर को दे दिए गए। सोमवार की रात्रि में ही डॉक्टर ने सूचना दी कि वीरपाल मर गया है। वीरपाल की मौत पर जब हंगामा होने लगा तो डॉक्टर कहने लगा कि मरीज अभी जिन्दा है।
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पिता ने डस्टबिन में देखीं आंतें तब डॉक्टर का झूठ पकड़ा गया
सोमवार की देर रात्रि अस्पताल के बरामदे में रखे डस्टबिन में सुरेश को आंतें दिखाई दीं। सुरेश को लगा कि ये तो वही आंतें हैं, जो ऑपरेशन थियेटर में दिखाई थीं। इसके बाद सुरेश ने अपने परिचितों और हरदुआगंज नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष राजेश यादव को सूचना दी। बड़ी संख्या में लोग मौके पर आ गए। हंगामा होने लगा। यह देख डॉक्टर ने कहा कि वीरपाल तो जिन्दा है और वेंटीलेटर पर है। लोग आईसीयू में प्रवेश कर गए और पाया कि वेंटीलेटर बंद पड़ा है। इससे साफ हो गया कि डॉक्टर झूठ बोल रहा है। हंगामा बढ़ा तो मौके पर पुलिस और पीएसी आ गई।
पोस्टमार्टम और जांच के लिए समिति
इस मामले मे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमएल अग्रवाल ने बताया कि जिलाधिकारी ने पोस्टमार्टम के लिए समिति गठित की है। इसमें डॉ. जेएन शर्मा, डॉ. चरन सिंह और डॉ. रामबिहारी शामिल हैं। जांच समिति में मलखान सिंह जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. रामकिशन, सर्जन डॉ. रामबिहारी, डॉ. यतींद्र कुमार भारद्वाज, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दुर्गेश शामिल हैं।
डॉक्टर ने क्या कहा
मिथराज हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राजेन्द्र वार्ष्णेय का कहना है कि केस रिस्क पर था। यह हमने पहले ही परिजनों को बता दिया था। पहले ऑपरेशन के बाद मरीज चलने लगा था। जैसे ही तरल पदार्थ दिया, मरीज का पेट फूल गया। इसके बाद दूसरा ऑपरेशन किया गया। मरीज की खराब आंतों को बाहर निकाला गया। मरीज का इलाज राजस्थान में चल रहा था।
थाना क्वार्सी में तहरीर
वीरपाल की पत्नी मछला ने थाना क्वार्सी में तहरीर दी है। डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है। कहा गया कि डॉक्टर ने कहा था कि मरीज को ठीक कर देंगे, तुम पैसों का इंतजाम कर लो। हमने चार लाख रुपये दे दिए थे। मेरे तीन बच्चे हैं। पति की मौत के बाद भरण पोषण कैसे होगा। कार्रवाई की मांग की है।

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