कैंसर से हार मानकर क्या अपनी पढ़ाई छोड़ दूं?
आदित्य ने अपने प्रधानाध्यापिका से बात करते हुए कहा कि ‘मैं जानता हूं मुझे बोन कैंसर हो गया है, तो क्या इस कैंसर से हार मानकर अपनी पढ़ाई छोड़ दूं? अपने दोस्तों से दूर हो जाऊं? उनसे बिछड़ जाऊं? ऐसा मैं कतई नहीं चाहता। मुझे पढ़ना है और 11वीं कर परीक्षा देना है। भले ही एम्स में भर्ती हूं और 18 कीमोथैरेपी भी अब तक हो गई हैं। लेकिन बोन कैंसर से लडूंगा भी और पढ़ूंगा भी’। ये कहते हुए आदित्य ने कहा कि मैम प्लीज, परीक्षा फॉर्म भरवा दीजिएगा। मुझे परीक्षा देनी है।
आदित्य ने अपने प्रधानाध्यापिका से बात करते हुए कहा कि ‘मैं जानता हूं मुझे बोन कैंसर हो गया है, तो क्या इस कैंसर से हार मानकर अपनी पढ़ाई छोड़ दूं? अपने दोस्तों से दूर हो जाऊं? उनसे बिछड़ जाऊं? ऐसा मैं कतई नहीं चाहता। मुझे पढ़ना है और 11वीं कर परीक्षा देना है। भले ही एम्स में भर्ती हूं और 18 कीमोथैरेपी भी अब तक हो गई हैं। लेकिन बोन कैंसर से लडूंगा भी और पढ़ूंगा भी’। ये कहते हुए आदित्य ने कहा कि मैम प्लीज, परीक्षा फॉर्म भरवा दीजिएगा। मुझे परीक्षा देनी है।
वर्ष 2014 में हुआ था कैंसर
बता दें कि आदित्य महाजन छर्रा के गांव सोनाराम के निवासी हैं। उनके पिता का नाम शिव कुमार गुप्ता है। वर्ष 2014 में वे कैंसर के चपेट आ गए थे। लेकिन पढ़ाई जारी रखी। उस समय स्थानीय स्तर पर उनका इलाज चल रहा था। वर्ष 2016 में उन्हें बोन कैंसर ने जकड़ लिया। 6-7 महीने के बाद उसके बाएं पैर में असहनीय दर्द होने लगा। फिर, एम्स में उसे भर्ती कराया गया। ढाई महीने पहले उसके बाएं पैर का घुटना निकाल दिया गया। अब तक आदित्य की 18 कीमो हो चुकी हैं। पांच और कीमो होनी हैं। ये स्थितियां भी उनके हौसलों को परास्त नहीं कर पायीं। वे हर दिन इन हालातों को परास्त करने के लिए पूरी ताकत से लड़ रहे हैं। आदित्य के इस जज्बे को देखकर रेंज हिल्स पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या विमलेश सिंह ने आदित्य की हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया है।
बता दें कि आदित्य महाजन छर्रा के गांव सोनाराम के निवासी हैं। उनके पिता का नाम शिव कुमार गुप्ता है। वर्ष 2014 में वे कैंसर के चपेट आ गए थे। लेकिन पढ़ाई जारी रखी। उस समय स्थानीय स्तर पर उनका इलाज चल रहा था। वर्ष 2016 में उन्हें बोन कैंसर ने जकड़ लिया। 6-7 महीने के बाद उसके बाएं पैर में असहनीय दर्द होने लगा। फिर, एम्स में उसे भर्ती कराया गया। ढाई महीने पहले उसके बाएं पैर का घुटना निकाल दिया गया। अब तक आदित्य की 18 कीमो हो चुकी हैं। पांच और कीमो होनी हैं। ये स्थितियां भी उनके हौसलों को परास्त नहीं कर पायीं। वे हर दिन इन हालातों को परास्त करने के लिए पूरी ताकत से लड़ रहे हैं। आदित्य के इस जज्बे को देखकर रेंज हिल्स पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या विमलेश सिंह ने आदित्य की हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया है।