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बिना कुछ करे खराब हो गए चार महीने, कुलपति जल्द करेंगे ये खास काम

locationअजमेरPublished: Feb 08, 2019 06:56:55 am

Submitted by:

raktim tiwari

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vice chancellor in mdsu

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अजमेर.

हाईकोर्ट की रोक के चलते महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति का चार माह का कार्यकाल खराब हो गया है। इस अवधि को बकाया कार्यकाल में नहीं जोड़े जाने को लेकर कुलपति अदालत में याचिका दायर कर सकते हैं। इसको लेकर वे विधिक राय लेने में जुट गए हैं।
यूजीसी के नियमानुसार कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर लक्ष्मीनारायण बैरवा ने राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ में याचिका (14914/2018) दायर की थी। इसके आधार पर मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग और जस्टिस दिनेश मेहता की खंडपीठ ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज करने पर रोक लगा दी। इसके बाद न्यायालय ने रोक 1,16, 28 नवंबर, 3 दिसंबर और 11 एवं 29 जनवरी और फरवरी के तीसरे सप्ताह तक बढ़ाई है।
तीन वर्ष के लिए हुई नियुक्ति

राज्यपाल कल्याण सिंह ने बीते वर्ष 5 अक्टूबर को प्रो. आर. पी. सिंह को कुलपति नियुक्त किया था। उनकी नियुक्ति तीन वर्ष के लिए की गई है। हाईकोर्ट के कामकाज पर रोक लगाने से कुलपति के कार्यकाल के करीब चार महीने खराब हो चुके हैं। इस लिहाज से उनके तीन वर्षीयकार्यकाल (36 माह) में से 32 माह ही शेष रहे हैं।
कार्यकाल में नहीं जोड़ें चार माह
खराब हुए चार महीने को तीन साल के कार्यकाल में नहीं जोडऩे को लेकर कुलपति याचिका या प्रार्थना पत्र दायर कर सकते हैं। इस अवधि में उन्हें वेतन-भत्ते भी नहीं मिले हैं। जबकि राजभवन वेतन को लेकर विश्वविद्यालय को पत्र भिजवा चुका है। हालांकि विश्वविद्यालय ने इस मामले में सरकार और राजभवन से ही परामर्श मांगा है। कुलपति कार्यकाल को लेकर विधिक राय लेने में जुटे हैं।
ये है संशोधित एक्ट..

विधानसभा में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक-2017 पारित हुआ था। अधिनियम की धारा 19 (10) के तहत किसी विश्वविद्यालय के कुलपति पद की कोई स्थाई रिक्ति, मृत्यु, त्यागपत्र, हटाए जाने, निबंलन के कारण या अन्यथा हो जाए तो उप धारा 9 के अधीन संबंधित विश्वविद्यालय के कुलसचिव तत्काल कुलाधिपति-राज्यपाल को सूचना भेजेंगे। कुलाधिपति सरकार से परामर्श कर किसी दूसरे विश्वविद्यालय के स्थाई कुलपति को अतिरिक्त दायित्व सौंपेंगे।
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