विश्वविद्यालय ने कुलपति पद के लिए आवेदन मांगे हैं। इसके तहत 70 वर्ष से कम उम्र, दस साल का अध्यापन और शोध और किसी प्रशासनिक संस्थान में कामकाज का अनुभव रखने वाले प्रोफेसर-शिक्षाविद की हार्ड कॉपी 20 सितम्बर तक जमा होगी।
बनाई सर्च कमेटी कुलपति सर्च कमेटी का गठन पूरा हो चुका है। कमेटी में राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. के. कोठारी राज्य सरकार के प्रतिनिधि, यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश राजभवन के प्रतिनिधि बनाए गए हैं। इसी तरह कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रो. बी. बी. छीपा मदस विश्वविद्यालय के प्रबंध मंडल द्वारा नामित प्रतिनिधि और प्रो. जी. सी. सक्सेना यूजीसी के प्रतिनिधि बनाए गए हैं।
इसी महीने होगी बैठक सर्च कमेटी की बैठक इसी महीने होगी। कमेटी आवेदनों पर विचार कर तीन या पांच नाम का पैनल बनाकर सरकार और राजभवन को सौंपेगी। राज्यपाल कल्याण सिंह और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सहमति पर नए कुलपति की नियुक्त होगी।
छात्रों ने सौंपा ज्ञापन
लॉ कॉलेज के विद्यार्थियों ने संभागीय आयुक्त लक्ष्मीनारायण मीणा को ज्ञापन सौंपा। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजीव भारद्वाज बगरू, मुरलीधर बेनीवाल, हिम्मत सिंह, कमलेश चौधरी, अमित पाराशर, किरण शर्मा, भारती कुमावत, पूजा असेरी, फैसल खान, कुंदन सिंह और अन्य ने बताया कि लॉ कॉलेज को 13 साल से बार कौंसिल ऑफ इंडिया को स्थाई मान्यता नहीं मिली है। यहां नागौर, भीलवाड़ा, किशनगढ़, नसीराबाद, ब्यावर और अन्य शहरों-कस्बों के विद्यार्थी पढऩे आते हैं। प्रतिवर्ष प्रथम वर्ष की 240 सीट पर दाखिलों में विलम्ब होता है। सितम्बर-अक्टूबर में प्रवेश होने से छात्र-छात्राओं को पढ़ाई का पर्याप्त समय नहीं मिलता। कॉलेज में स्थाई प्राचार्य, पुस्तकालयाध्यक्ष, खेल मैदान और चारदीवारी भी नहीं है। मांगें पूरी नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। मालूम हो कि छात्रों ने हाल में उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी को भी ज्ञापन सौंपा था।
लॉ कॉलेज के विद्यार्थियों ने संभागीय आयुक्त लक्ष्मीनारायण मीणा को ज्ञापन सौंपा। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजीव भारद्वाज बगरू, मुरलीधर बेनीवाल, हिम्मत सिंह, कमलेश चौधरी, अमित पाराशर, किरण शर्मा, भारती कुमावत, पूजा असेरी, फैसल खान, कुंदन सिंह और अन्य ने बताया कि लॉ कॉलेज को 13 साल से बार कौंसिल ऑफ इंडिया को स्थाई मान्यता नहीं मिली है। यहां नागौर, भीलवाड़ा, किशनगढ़, नसीराबाद, ब्यावर और अन्य शहरों-कस्बों के विद्यार्थी पढऩे आते हैं। प्रतिवर्ष प्रथम वर्ष की 240 सीट पर दाखिलों में विलम्ब होता है। सितम्बर-अक्टूबर में प्रवेश होने से छात्र-छात्राओं को पढ़ाई का पर्याप्त समय नहीं मिलता। कॉलेज में स्थाई प्राचार्य, पुस्तकालयाध्यक्ष, खेल मैदान और चारदीवारी भी नहीं है। मांगें पूरी नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। मालूम हो कि छात्रों ने हाल में उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी को भी ज्ञापन सौंपा था।