script

एक कमरा, एक कुर्सी और बैठने वाले दो, यहां किसको बिठाएं और किसको उठाएं

locationअजमेरPublished: Jul 14, 2018 09:15:43 am

Submitted by:

raktim tiwari

अधिकारियों का सामंजस्य कहें या मजबूरी इस एक कक्ष में ही दोनों बने हुए हैं।

health dept

health dept

अजमेर

जिला मुख्यालय पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में वर्तमान में एक ही पद पर दो अधिकारी काबिज हैं। संबंधित पद के अधिकारी के लिए कक्ष भी एक है और कुर्सी भी एक है। मगर अधिकारियों का सामंजस्य कहें या मजबूरी इस एक कक्ष में ही दोनों बने हुए हैं। इनमें भी एक सरकार की मंशा के अनुरूप लगाए गए अधिकारी हैं तो दूसरे गलत तरीके से हुए स्थानांतरण के विरुद्ध कोर्ट के स्टे के चलते काबिज हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर नियुक्त डॉ. लाल थदानी का राज्य सरकार के आदेश के चलते अन्य जिले में एक सब सेंटर में तबादला हो गया। इसके बाद इस पद पर डॉ. रामस्वरूप किराडिय़ा के आदेश हो गए।
विभागीय कार्यों व जिम्मेदारी के चलते डॉ. किराडिय़ा उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की कुर्सी पर बैठे हुए हैं। वहीं उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी रहे डॉ. लाल थदानी ने अपनी योग्यता, वरिष्ठता एवं सब सेन्टर पर गलत हुए तबादले के खिलाफ कोर्ट की शरण ली। कोर्ट की ओर से सरकार के आदेश के खिलाफ डॉ. थदानी को स्टे मिलने के बाद उन्होंने पुन: उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पूर्ववत् पद पर ज्वॉइन कर लिया।
अब विभाग व सरकार के पाले में गेंद

उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर दोनों अधिकारियों में से कौन रहेगा इसका फैसला अब विभाग व सरकार के पाले में है। मगर खास बात यह है कि मोटी तनख्वाह उठाने वाले आला अधिकारियों का फैसला होने में देरी से कहीं ना कहीं नुकसान जनता की कमाई का ही हो रहा है।
उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर डॉ. किराडिय़ा के आदेश हैं। डॉ. थदानी कोर्ट के स्टे से यहां काबिज हैं।

डॉ. के.के. सोनी. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

वापस जाएंगे पुराने पैटर्न पर
एलएलबी कोर्स में हुए नवाचार का हश्र देखते हुए विधि संकाय की पाठ्यचर्या समिति ने वापस पुराने पैटर्न पर लौटने का फैसला किया है। लॉ कॉलेज के सह आचार्य और पाठ्यचर्या समिति सदस्य डॉ. आर.एन. चौधरी के अनुसार विद्यार्थियों की बेरूखी के कारण ही एलएलबी पाठ्यक्रम में हुआ बदलाव सफल नहीं हुआ है। पुराने पैटर्न के तहत 80 नम्बर की थ्योरी और 20 नम्बर का साक्षात्कार (वाइवा) होता है। समिति ने विश्वविद्यालय को उसी पैटर्न को वापस लागू करने को कहा है।

ट्रेंडिंग वीडियो