पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शिवप्रकाश गुर्जर, युवा कांग्रेस के सुनील लारा, नरेश सारवान और अन्य भी एनएसयूआई के राजपाल जाखड़ के साथ ही कामकाज कर रहे थे। गुटबाजी के बावजूद सही रणनीति और छात्र-छात्राओं में लोकप्रियता के चलते फरहान ने किला फतह किया।
डुबोया विश्वविद्यालय में संगठन गुटबाजी के चलते एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय में संगठन को ही डुबो दिया। यहां एनएसयूआई ने प्रचार-प्रसार में कोई रुचि नहीं ली। प्रत्याशी हेमंत तनवानी के साथ कोई बड़ा पदाधिकारी अथवा पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष साथ नजर नहीं आए। इसका फायदा उठाकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोकेश गोदारा अध्यक्ष बनने में कामयाब रहे। एनएसयूआई ने यहां उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर तो प्रत्याशी भी नहीं उतारे। कांग्रेस के पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं ने भी यहां कोई रुचि नहीं ली।
नतीजा आते ही टपके आंसू
राजकीय कन्या महाविद्यालय में नतीजे घोषित होते ही एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रत्याशियों के आंसू टपक पड़े। विद्यार्थी परिषद को यहां बगावत के चलते ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। संगठन में फूट का फायदा निर्दलीय प्रत्याशी को मिला। यहां विद्यार्थी परिषद का पारम्परिक गढ़ ढह गया।
राजकीय कन्या महाविद्यालय में नतीजे घोषित होते ही एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रत्याशियों के आंसू टपक पड़े। विद्यार्थी परिषद को यहां बगावत के चलते ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। संगठन में फूट का फायदा निर्दलीय प्रत्याशी को मिला। यहां विद्यार्थी परिषद का पारम्परिक गढ़ ढह गया।
बचते रहे पदाधिकारी चुनाव नतीजे सामने आने के बाद एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी टिप्पणी से बचते दिखे। जीसीए में अल्पसंख्यक वर्ग के प्रत्याशी, राजकीय कन्या महाविद्यालय, दयानंद कॉलेज में निर्दलीय प्रत्याशियों के जीतने पर विद्यार्थी परिषद के उच्च पदस्थ पदाधिकारियों ने तत्काल बैठक बुलाकर कारण पूछे।
एनएसयूआई हमेशा की तरह बेफिक्र ही दिखी। मदस विश्वविद्यालय में करारी शिकस्त के बावजूद पदाधिकारियों की सेहत पर फर्क नजर नहीं आया। अलबत्ता विद्यार्थी परिषद के प्रदेश और जिला स्तर के पदाधिकारियों की चिंता ज्याद नजर आई। खासतौर पर विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह नतीजे उलटफेर का संकेत हो सकते हैं।
यह दिखे चुनाव में सक्रिय चुनाव में कॉलेज और मदस विश्वविद्यालय में कई पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और कार्यकर्ता सक्रिय रहे। इनमें पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भगवान सिंह चौहान, मोहित जैन, भानुप्रताप सिंह, लोकेश टाक, राजीव भारद्वाज बगरू, मुरलीधर बेनीवाल, सुनील लारा, रूपसिंह नायक, किरण चौधरी, दीपिका बगडिय़ा, दीनाराम धौलिया, जयमल सिंह राठौड़, जितेंद्र गुर्जर और अन्य ने चुनाव में मोर्चा संभाले रखा।