यूं बदला लोगों का नजरिया
लिलॉन्गिव के अंदरूनी इलाके से आई महिलाओं की कामयाबी पर स्थानीय लोगों को भरोसा नहीं था। इन आठ महिलाओं में से एक एमिली के अनुसार उनके गांव में महिलाओं को सिर्फ घरों के काम तक सीमित रखा जाता था। बच्चों को संभालने और घर में खाना बनाने के अलावा कोई काम नहीं करने दिया जाता था। एमिलि बताती हैं कि अब यहां के लोगों का रवैया महिलाओं को लेकर बदला है। लोग उन्हें अब अधिक सम्मान देते हैं।
लिलॉन्गिव के अंदरूनी इलाके से आई महिलाओं की कामयाबी पर स्थानीय लोगों को भरोसा नहीं था। इन आठ महिलाओं में से एक एमिली के अनुसार उनके गांव में महिलाओं को सिर्फ घरों के काम तक सीमित रखा जाता था। बच्चों को संभालने और घर में खाना बनाने के अलावा कोई काम नहीं करने दिया जाता था। एमिलि बताती हैं कि अब यहां के लोगों का रवैया महिलाओं को लेकर बदला है। लोग उन्हें अब अधिक सम्मान देते हैं।
दोगुनी हुई आय
सौर ऊर्जा के पैनल का काम सीखने के बाद इन महिलाओं की आय भी लगभग दोगुनी हो गई है। इनमें से एक महिला ने अपने घर पर मोबाइल चार्ज करने का काम शुरू कर दिया है। इससे गांव के लोगों को अब अपना मोबाइल चार्ज करने के लिए पास के शहरों तक नहीं जाना पड़ता। इसके बदले उन्हें कुछ आय हो जाती है। इसके अलावा सौर इंजीनियर के तौर पर उन्हें आस.पास के घरों और स्कूलों में सौर ऊर्जा पैनलों की देखभाल के बदले मासिक खर्च भी मिलता है। अजमेर से ही प्रशिक्षण लेकर गईं 42 वर्षीया दिनेस मांफा कहती हैं कि इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।
सौर ऊर्जा के पैनल का काम सीखने के बाद इन महिलाओं की आय भी लगभग दोगुनी हो गई है। इनमें से एक महिला ने अपने घर पर मोबाइल चार्ज करने का काम शुरू कर दिया है। इससे गांव के लोगों को अब अपना मोबाइल चार्ज करने के लिए पास के शहरों तक नहीं जाना पड़ता। इसके बदले उन्हें कुछ आय हो जाती है। इसके अलावा सौर इंजीनियर के तौर पर उन्हें आस.पास के घरों और स्कूलों में सौर ऊर्जा पैनलों की देखभाल के बदले मासिक खर्च भी मिलता है। अजमेर से ही प्रशिक्षण लेकर गईं 42 वर्षीया दिनेस मांफा कहती हैं कि इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।
यूं दिया जाता है प्रशिक्षण
तिलोनिया बेयरफुट कॉलेज में विभिन देशों की घरेलू या अन्य कार्यों में व्यस्त या कॉलेज-विश्वविद्यालयों में पढऩे वाली महिलाओं को उद्यमिता के गुर सिखाए जा रहे हैं। छह माह के प्रशिक्षण में महिलाएं (सोलर मामास) सोलर पेनल, बैट्री चार्जर, सोलर लालटेन, होमलाइट सिस्टम का प्रशिक्षण व रखरखाव के बारे में सीखती हैं। कॉलेज ने 60 से अधिक देशों की महिलाओं को सौर ऊर्जा इंजीनियर के रूप में तैयार कर भेजा है। महिलाओं का मानना है कि समूची दुनिया ऊर्जा संकट, ग्लोबल वार्मिंग, जैव विविधता पर मंडराते संकट से जूझ रही है। सौर ऊर्जा और तकनीकी उपकरण बनाना सीखना वास्तव में अनोखा अनुभव है। दुनिया के हर देश में सौर प्रकाश फैलाई जा सकती है।
तिलोनिया बेयरफुट कॉलेज में विभिन देशों की घरेलू या अन्य कार्यों में व्यस्त या कॉलेज-विश्वविद्यालयों में पढऩे वाली महिलाओं को उद्यमिता के गुर सिखाए जा रहे हैं। छह माह के प्रशिक्षण में महिलाएं (सोलर मामास) सोलर पेनल, बैट्री चार्जर, सोलर लालटेन, होमलाइट सिस्टम का प्रशिक्षण व रखरखाव के बारे में सीखती हैं। कॉलेज ने 60 से अधिक देशों की महिलाओं को सौर ऊर्जा इंजीनियर के रूप में तैयार कर भेजा है। महिलाओं का मानना है कि समूची दुनिया ऊर्जा संकट, ग्लोबल वार्मिंग, जैव विविधता पर मंडराते संकट से जूझ रही है। सौर ऊर्जा और तकनीकी उपकरण बनाना सीखना वास्तव में अनोखा अनुभव है। दुनिया के हर देश में सौर प्रकाश फैलाई जा सकती है।