गुंदोलाव झील के बीचों बीच मौखम विलास परिसर में बनाए गए संत नागरीदास के पैनोरमा का निरीक्षण कर तथ्यात्मक जानकारी लेने के बाद अध्यक्ष लखावत ने बुधवार को पत्रकार वार्ता की और क्षतिग्रस्त पैनोरमा को जल्द नए सिरे से पुन: विकसित किए जाने की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि नागरीदास कोई पार्टी के या किसी एक विचारधारा के महापुरुष नहीं थे। वे यहां की जो हमारी भक्ति परंपरा है, उस भक्ति परंपरा के बहुत बड़े कवि, बड़े संत व साधक थे। भारतीय साहित्यों में उनका नाम आदर से लिया जाता है और पढ़ा जाता है और यहां इसलिए एक अच्छा पैनोरमा बने, उनके बारे में जानकारियां दी जाए। इस सोच के साथ हमने यहां इस मौखम विलास को हमारे विभाग के यहां स्थानांतरित करवा कर और उस पर पैनोरमा स्वीकृत करके और काम करवाया। क्योंकि वो पुरानी शैली का ढांचा था। इसलिए उसी शैली में उसे विकसित करना था।
अध्यक्ष लखावत ने कहा कि इस पैनोरमा का पूरी तरह नव निर्माण होगा। साथ ही आवागमन के लिए टूटी चुकी पुलिया का भी निर्माण होगा। ताकि छोटे वाहनों की आवाजाही पैनोरमा तक सुगमता से हो सके। परिसर के भ्रमण के लिए छोटे वाहन की सुविधा रहेगी। इसका किराया नोमिनल होगा। गेट पर हस्ताक्षर के बिना एंट्री ना हो और अंदर जाने के लिए माकूल टिकट होगा। फोटोग्राफी और कैमरे भी लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यहां नगर परिषद की ओर से गार्डन भी विकसित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों ने पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है, दोषी कोई भी हो यह लोक संपत्ति का नुकसान है और एक महापुरुष के पैनोरमा पर हमला नहीं यह हमारी संस्कृति एवं साहित्य पर हमला है, ये भक्ति साहित्य पर हमला है, यह कोई व्यक्ति पर हमला नहीं है। यह किसी की प्रोपर्टी के लेन देन का विवाद नहीं है। सुरक्षा की माकूल व्यवस्था की जाएगी। इस मौके पर सभापति दिनेश सिंह राठौड़, वेदप्रकाश दाधीच, राजीव शर्मा, हिम्मत सिंह, अनिल राव, राजू शर्मा, सुनिल दरड़ा एवं अन्य भाजपा कार्यकत्र्ता भी उपस्थित रहे।