अमन और शांति का संदेश लेकर रेपिड एक्शन फोर्स(आरएएफ) की रैली गुरुवार सुबह अजमेर पहुंची। रैली का सीआरपीएफ ग्रुप केन्द्र प्रथम के हरिचन्द स्टेडियम में राजस्थानी अंदाज में राजस्थानी पगड़ी पहनाकर भव्य स्वागत किया गया।
समारोह की मुख्य अतिथि पुलिस महानिरीक्षक मालिनी अग्रवाल ने रैली में शामिल जवान व महिलाओं को बधाई देते हुए हौंसला अफजाई की। उन्होंने कहा कि आरएएफ आपात स्थिति के अलावा भी आमजन के बीच शांति दूत बनाकर आता रहेगा।
मुख्य अतिथि आरएएफ सेक्टर पुलिस महानिरीक्षक के.एस. भंडारी ने 18 पुरुष व सीआरपीएफ ग्रुप केंद्र प्रथम की कावा अध्यक्ष विनीता ढौंडियाल व प्रेमलता कोहली ने सात महिला साइकिलिस्ट का साफा व माला पहनाकर स्वागत किया। जवानों को बधाई देते हुए आगे की यात्रा के लिए शुभकामनाएं दी। इससे पूर्व सीआरपीएफ के बैंड व केन्द्रीय विद्यालय के विद्यार्थियों ने साइकिल रैली का तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ स्वागत किया।
नन्हें बालक-बालिकाओं ने गुलाब का फूल देकर उत्साह बढ़ाया। समारोह में पुलिस उप महानिरीक्षक अजमेर रेंज जे.एन. कोहली, पुलिस उप महानिरीक्षक ग्रुप केन्द्र दो एस.एस. शेखावत, पुलिस उपमहानिरीक्षक ग्रुप प्रथम अनिल ढौंडियाल, पुलिस उप महानिरीक्षक (चिकित्सा) डॉ. ए.के. त्रिवेदी कमांडेंट 100 बटालियन नदीम अहमद समदानी, कमांडेंट ग्रुप केंद्र प्रथम भरत कुमार वैष्णव समेत कई लोग मौजूद थे।
महिलाओं ने भी मिला कंधे से कंधाआरएफ के पुलिस महानिरीक्षक के.एस. भंडारी ने बताया कि आरएएफ भी सीआरपीएफ का एक हिस्सा है। इसकी स्थापना 7 अक्टूबर 1912 में सीआरपीएफ की दस बटायिनों से दंगे, भीड़ नियंत्रण, राहत एवं बचाव अभियान के लिए की गई थी। बल ने विगत 25साल की सेवा में इसको बखूभी निभाया है। भंडारी ने बताया कि आरएएफ रजत जयंती मना रही है।
इसको लेकर बल की ओर से आमजन में अमन और शांति का संदेश देने के लिए साइकिल रैली का आयोजन किया गया है। रैली की विशेषता है कि इसमें पुरुषों के साथ 7 महिलाएं कंधे से कंधा मिलाते हुए शामिल हुई है। जो इस बात का संकेत है कि अब देश में महिलाएं भी पुरुषों से किसी भी क्षोत्र में पीछे नहीं है। भंडारी ने बताया कि रैकी 10 सितम्बर को गुजरात सरदार पोस्ट भुज से रवाना हुई थी। जो 1354 किमी. का सफर पूरा करने के बाद 29 सितम्बर को नई दिल्ली इंडिया गेट पर पहुंच कर समाप्त होगी। अजमेर तक रैली ने 914किमी. का सफर तय किया है।