scriptवॉट्सएप पर पेपर…जरा सी गलती पड़ी भारी, यूं ढूंढ लिया आरपीएससी ने मुख्य सूत्रधार को | RPSC identified the culprit, involve in hindi paper virul case | Patrika News

वॉट्सएप पर पेपर…जरा सी गलती पड़ी भारी, यूं ढूंढ लिया आरपीएससी ने मुख्य सूत्रधार को

locationअजमेरPublished: Nov 02, 2018 04:25:53 pm

Submitted by:

raktim tiwari

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rpsc hindi paper virul case

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रक्तिम तिवारी/अजमेर।

सूत्रधार की जरा सी गलती उस पर भारी पड़ गई। उच्च स्तरीय तकनीक और खास बिन्दुओं के आधार पर राजस्थान लोक सेवा आयोग हिंदी के पेपर मामले की जड़ तक पहुंच गया। इसमें बाडमेर जिला कलक्टर और पुलिस ने भी अहम भूमिका निभाई।
अधिकृत जानकारी के अनुसार वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक) प्रतियोगी परीक्षा-२०१८ के हिंदी का पेपर बाडमेर के एक निजी संस्था से वॉट्सएप पर भेजा गया। लेकिन जल्दबाजी और चूक ने आयोग को पेपर भेजने वाले सूत्रधार और परीक्षा केंद्र तक पहुंचा दिया।
यूं किया केंद्र चिन्हित

सबसे पहले आयोग ने ई-मेल पर मिले हिंदी के पेपर का कलर प्रिंट निकाला। विभिन्न तरीकों से इस प्रिंट को जांचा गया। इसमें पाया गया कि मोबाइल से पेपर की फोटो किसी बाथरूम (शौचालय) में ली गई है। बाथरूम में मटमैले रंग की टाइल्स लगी हैं। इसमें सफेद रंग का सिरेमिक वॉशबेसिन अथवा यूरोपियन पॉट भी है। इस पॉट पर निर्माता कम्पनी का लाल रंग का कागज लगा है।
जिसके कुछ हिस्से फटे हुए हैं। साथ ही बाथरूम में एल्यूमिनियम की खिडक़ी भी है। यह अहम सुराग मिलते ही आयोग प्रशासन ने तत्काल बाडमेर कलक्टर नकाटे शिवप्रसाद को सूचित किया। नकाटे ने तुरन्त ऐसा केंद्र और बाथरूम की तलाश की। साथ ही उन्होंने आयोग को सूचना दी।
ई-मेल-वॉट्सएप नंबर बने मददगार

हिंदी के पेपर से जुड़े ई-मेल और वॉट्सएप नंबर भी आयोग के लिए मददगार साबित हुए। आयोग सहित पुलिस की आईटी और साइबर टीम ने कड़ी दर कड़ी भेजे (फॉरवर्ड) गए ई-मेल एड्रेस तलाशे। साथ ही बाडमेर के वॉट्सएप नम्बर की भी जांचे। इसके बूते ही आयोग, बाडमेर जिला प्रशासन और पुलिस सूत्रधार और केंद्र तक पहुंच पाई।
बाथरूम गए एक दर्जन अभ्यर्थी

नियमानुसार आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में पहले एक घंटे अभ्यर्थियों को बाथरूम (शौचालय) जाने की इजाजत नहीं होती। शेष दो घंटे में ही वे शौचालय जाते हैं। इस दौरान वीक्षक बाथरूम जाने वाले अभ्यर्थियों के नाम, रोल नंबर और कक्ष का ब्यौरा कागज पर लिखता है। इसकी सूचना आयोग को भेजी जाती है। चिन्हित हुए निजी केंद्र में हिंदी की परीक्षा के दौरान एक दर्जन अभ्यथी बाथरूम गए। यह भी आयोग की शक के दायरे में हैं।
पेपर स्थगित या कुछ और मकसद…
आयोग विभिन्न पहलुओं पर जांच करेगा। इसमें किसी अभ्यर्थी/खास अभ्यर्थियों का मकदस पेपर स्थगित कराना अथवा कुछ खास अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाने का बिन्दु अहम है। किसी गिरोह अथवा गैंग की लिप्तता मिलने पर आयोग जांच का दायरा और विस्तृत करेगा।
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