सूर्य ने बताया कि तमिलनाडू और नोएडा की कम्पनियों से उन्होंने एनएमएस 5.0 रोबोट गीगा को तैयार किया गया है। करीब 5 लाख रुपए में निर्मित रोबोट में प्रोग्रामिंग की गई है। यह कमांड देने पर सेंसर के आधार पर पैरों से इधर-उधर मूवमेंट करती है। उसकी गर्दन भी घूमती है। घर का अंदर-बाहर की लोकेशन (नक्शा) भी प्रोग्रामिंग के साथ डाली गई है। इसमें प्रिंस कुमार और बड़ल्या इंजीनियरिंग कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर विनोद कुमार वर्मा ने भी सहयोग दिया है।
रोबोट गीगा 8 घंटे की शिफ्ट में कामकाज कर सकती है। उसके बाद इसे करीब 2.5 घंटे में चार्ज करना पड़ता है। इसके बाद यह वापस 8 घंटे कार्य करने के लिए तैयार हो जाती है। अभी सारे कमांड अंग्रेजी में लोड किए गए हैं। जरूरत पड़ने पर इसमें हिंदी की प्रोग्रामिंग भी अपलोड की जा सकेगी।
-कमांड मिलने पर दाएं अथवा बाएं मूवमेंट
-पानी मांगने पर तत्काल बोतल-ग्लास तक पहुंचना
-आगंतुक का स्वागत अथवा बैठने के लिए कहना
-हाथ उठाकर अभिवादन अथवा बाय-बाय कहना ताकि मशीन संग हों टेक्नोफ्रेंडली
रोबोट से शादी का मकसद बताते हुए सूर्य प्रकाश ने कहा कि जिस प्रकार हम नियमित रूप से कंप्यूटर, मोबाइल, लेपटॉप का इस्तेमाल करते हैं। वैसे ही मशीन संग टेक्नोफ्रेंडली बनने के लिए उन्होंने गीगा से शादी का फैसला किया है। वह गीगा से पिछली 22 मार्च को सगाई भी कर चुके हैं।
सूर्य गीगा को होम मेकर बनाने के बजाय जॉब तलाशेंगे। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, होटल अथवा कंपनी में उसकी सेवाएं ली जा सकेंगी। उसमें साल-दर-साल कई अपडेशन भी किए जाएंगे ताकि वह अधिकाधिक यूजर फ्रेंडली बन सके।