कांग्रेस से अजमेर में वैश्य व एससी वर्ग से भी दावेदारों ने नामांकन पत्र खरीदे हैं। इन्होंने भी चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। नियमों की पालना नहीं मसूदा से पूर्व में 2008 में चुनाव लड़ चुके ब्रह्मदेव कुमावत का नाम सूची में नहीं होने से उन्होंने निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। कुमावत ने कहा कि कांग्रेंस में पार्टी ने टिकट वितरण में बनाए नियमों की पालना नहीं की।
पांच हजार से अधिक से हारने वाले को टिकट देने, पैराशूटर को टिकट नहीं देने की बात कही थी। कुमावत ने कहा कि मसूदा क्षेत्र की जनता में आक्रोश है। यहां बाहरी प्रत्याशी को चुनाव नहीं लडऩे दिया जाएगा। क्षेत्र की जनता ने उन्हें चुनाव लडऩे को कहा है जनता का कहना है कि मसूदा बचाओ बाहरी भगाओ नारे के साथ वह जनता के आदेश पर चुनाव लड़ेंगे।
नामांकन भरने का ऐलान इसी प्रकार अजमेर दक्षिण से डॉ.राकेश सिवासिया ने भी 17 नवम्बर को नामांकन भरने का ऐलान किया है। सिवासिया का कहना है कि अजमेर दक्षिण से सदैव रैगर समाज की उपेक्षा की है। इससे समाज आहत है। समाज की बैठक में उन्हें चुनाव लडऩे का समर्थन दिया है।
प्रताप यादव की पत्नी ने नामांकन पत्र के साथ राशि जमा करा दी है। प्रताप यादव का कहना है कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहींअभी तय नहीं है। इसी प्रकार शैलेन्द्र अग्रवाल ने ब्यावर से वैश्य समाज को टिकट देने के बाद वह संतुष्ट हैं अब वह चुनाव नहीं लड़ेंगे।
मैं भरूंगा दो पर्चे…. कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत भाटी के बड़े भाई ललित भाटी भी चुनाव मैदान में नजर आएंगे। भाटी ने कहा कि वे शनिवार को दो पर्चे भरेंगे। इसमें एक निर्दलीय और दूसरा कांग्रेस की तरफ से होगा। अगर कांग्रेस ने टिकट नहीं बदला तो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। मालूम हो कि भाटी पूर्व में केकड़ी और अजमेर पूर्व से विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा 1987-88 में वे तत्कालीन कांग्रेस सरकार में उपमंत्री भी रह चुके हैं।