गत 28 अक्टूबर को नागौर पुलिस ने सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थियों को नकल कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर कोचिंग सेंटर संचालक प्रेमसुख विश्नोई व आरपीएससी के निलम्बित यूडीसी प्रकाश पारचा को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद पुलिस ने परीक्षार्थियों को पेपर उपलब्ध कराने का झांसा देकर रुपए ऐंठने वाले पांच आरोपियों को भी गिरफ्तार कर सातों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। जांच अधिकारी राकेश वर्मा ने बताया कि पूछताछ में आए तथ्य एवं जांच को आगे बढ़ाने के लिए आरपीएससी से यूडीसी प्रकाश से सम्बन्धित रिकॉर्ड ले रहे हैं।
पारचा खुद करता था सम्पर्क नकल गिरोह के आरोपियों से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि निलंबित यूडीसी प्रकाश पारचा पिछले कई वर्षों से आरपीएससी से सम्बन्धित परीक्षाओं में नकल कराने का काम करता था। पकड़े जाने के कारण 38 साल की नौकरी में वह दो बार निलंबित भी हो चुका है, इसके बावजूद वह नहीं सुधरा और कोचिंग सेंटर संचालकों से सम्पर्क कर परीक्षार्थियों से रुपए ऐंठने के लिए पेपर उपलब्ध कराने का झांसा देता था। नागौर में मैराथन कोचिंग सेंटर चलाने वाले प्रेमसुख से भी पारचा खुद आकर मिला था।
उसने पेपर उपलब्ध कराने की बात कही थी। प्रेमसुख पारचा के चक्कर में आ गया और प्रदेश के एक दर्जन जिलों में अपने आदमी छोडकऱ अभ्यर्थियों को फं साना शुरू कर दिया। गौरतलब है कि पुलिस को प्रेमसुख के घर से तलाशी के दौरान कई अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेज मिले हैं।
ये हो चुके हैं गिरफ्तार पुलिस नकल गिरोह के मुख्य आरोपी प्रेमसुख, प्रकाश पारचा, बेरी कलां के लक्ष्मणराम, झुंझुनूं के बाडेट निवासी रामेश्वरलाल, गंगानगर के 55 एलएनपी निवासी बग्गाराम, रोटू निवासी रामकिशोर विश्नोई व नागौर के गडरिया निवासी लिखमाराम को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि जायल के रोटू निवासी रामनिवास विश्नोई, अलवर के नांगलबानी निवासी दीनदयाल व हनुमानगढ़ के मोहन मगरिया निवासी टेकचंद का नाम भी एफआईआर में शामिल है, उनकी गिरफ्तारी होना बाकी है।