पुष्कर मेले के दौरान 19 से 23 नवम्बर तक कस्बे में आध्यात्म की सरिता बहेगी। ब्रह्म मुहूर्त से ही पुष्कर सरोवर में एकादशी तिथि का स्नान शुरू हो गया। सुबह 8 बजे से गुरुद्वारा से आध्यात्म यात्रा निकाली गई। इसमें संत-महंत व श्रद्धालुओं के साथ विभिन्न धर्मों की झांकियां होंगी। गुरुद्वारे से शुरू होकर यह यात्रा ब्रह्म चौक होती हुई ब्रह्मा मंदिर के सामने से मेला स्टेडियम तक पहुंची। जिला प्रशासन की ओर से सरोवर के घाटों पर स्नानार्थियों की सुविधा व सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
आकर्षण बने हैं विदेशियों के स्वांग पुष्कर मेले में विदेशी मेहमानों के स्वांग आकर्षण का केन्द्र बने हैं। राजस्थानी परिवेश पहने टूटी-फूटी हिन्दी बोलकर यह पर्यटक राह चलते लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।
धोरों में नाचे घोड़े-घोडिय़ां पुष्कर. मेला मैदान में रविवार दोपहर धोरों में ढोल की थाप पर घोड़े-घोडिय़ां नाच उठे। विभिन्न स्थानों से आए 6 अश्वों ने इस रोचक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इनमें पोखरराम का घोड़ा प्रथम, प्रभु सिंह का द्वितीय तथा राजेन्द्र रणवा का घोड़ा तीसरे स्थान पर रहा।