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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ‘बापू ‘ व सरदार पटेल की जीवंत डॉक्यूमेंट्री की लाइब्रेरी पर ताला

locationअजमेरPublished: Jun 15, 2019 09:20:40 pm

Submitted by:

Kanaram Mundiyar

-न पर्यटक देख पा रहे हैं और न संरक्षण के प्रति गंभीर है पुरातत्व विभाग
-उत्तर भारत की एकमात्र हेरिटेज फिल्म लाइब्रेरी पर 9 माह से ताला
– 2 करोड़ खर्च करने के बावजूद फिल्म लाइब्रेरी से दूर हैं देशी-विदेशी पर्यटक व विद्यार्थी

Mahatma Gandhi and Sardar Patel's live documentary film library closed

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ‘बापू ‘ व सरदार पटेल की जीवंत डॉक्यूमेंट्री की लाइब्रेरी पर ताला

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, आजादी के आन्दोलन व देशभक्ति आधारित 4 हजार से अधिक शिक्षाप्रद डॉक्यूमेंट्री फिल्में हैं इस लाइब्रेरी में

भूपेन्द्र सिंह

अजमेर.

यह उत्तर भारत की एकमात्र एवं राजस्थान की पहली हेरिटेज फिल्म लाइब्रेरी है, जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi ), सरदार वल्लभ भाई पटेल ( Sardar Vallabh Bhai Patel ) , देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू सहित कई महापुरुषों की जीवनी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री विजुअल संरक्षित रखे गए हैं। कुछ समय पहले डिजिटलाइजेशन के लिए इस फिल्म लाइब्रेरी पर दो करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है, लेकिन पुरातत्व विभाग व राजस्थान सरकार की अनदेखी के कारण 9 माह से इस लाइब्रेरी पर ताला लगा है।
इस लाइब्रेरी में संरक्षित पुरा व इतिहास व धार्मिक महत्व की शिक्षाप्रद फिल्मों का डिजिटलाइजेशन करने के लिए कुछ समय पहले 2 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है। इसके बावजूद राज्य सरकार व पुरातत्व विभाग Archaeological Survey of India इस लाइब्रेरी को देशी-विदेशी पर्यटकों व विद्यार्थियों का ज्ञानार्जन बढ़ाने के लिए चालू नहीं कर पा रहा है।
राजस्थान राज्य अभिलेखागार विभाग की कार्ययोजना के तहत शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग (ईटी सेल) की जयपुर रोड स्थित लाइब्रेरी को राजकीय संग्रहालय (अजमेर का किला) में स्थानान्तरित किया गया था। यहां थियेटर आदि निर्माण एवं संरक्षित फिल्मों के डिजिटलाइजेशन के लिए करीब दो करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है। इसमेंं अजमेर विकास प्राधिकरण का बड़ा योगदान रहा। इस लाइब्रेरी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सभाएं, रैलियां, धरने सहित सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री सहित अन्य महापुरुषों की जीवनी के सजीव चित्रण के रूप में श्वेत-श्याम डॉक्यूमेंट्री फिल्में एवं दुर्लभ विजुअल संरक्षित हैं। वर्षों से इस लाइब्रेरी के आधुनिकीकरण के प्रयास चल रहे थे। कुछ समय पहले ही इस लाइब्रेरी का आधुनिकीकरण किया गया।
संरक्षित हैं ऐतिहासिक फिल्में
शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग ने अजमेर के किले में स्थापित लाइब्रेरी में 4225 दुर्लभ एवं ऐतिहासिक, धार्मिक, शिक्षाप्रद फिल्मों को डिजिटलाइज्ड कर दिया है। इनमें से 2543 फिल्में प्रदर्शन योग्य हैं। अन्य फिल्मों का भी डिजीटल रूपांतरण किया जा रहा है। किले में लाइब्रेरी के लिए 16-16 सीटों के दो थिएटर, मिनी थियेटर, फोटो गैलेरी का निर्माण किया गया। इसके अलावा 8 कम्प्यूटर सेट भी लगाए गए हैं, जहां सिंगल व्यक्ति भी फिल्म देख सकता है।
पांच में से तीन लाइब्रेरी बंद
देश में पांच फिल्म लाइब्रेरी थीं। इनमें सबसे बड़ी फिल्म लाइब्रेरी पूना में है। दूसरी अजमेर में है जो पिछले 9 माह से बंद है। वहीं एनसीईआरटी दिल्ली, अहमदाबाद तथा बैंगलूरू की फिल्म लाइब्रेरी है, लेकिन तीनों ही बंद हो चुकी हैं।
पुरातत्व विभाग ने झाड़ा पल्ला
लाइब्रेरी बंद क्यों हैं, कब तक शुरू होगी के सवाल के संबंध में जानकारी के लिए राजकीय संग्रहालय के अधीक्षक नीरज त्रिपाठी को फोन किया गया तो उन्होंने जानकारी देने की बजाय खुद के बाहर होने का बता पल्ला झाड़ लिया।
इनका कहना है-
यह कार्ययोजना राजस्थान राज्य अभिलेखागार विभाग की है। हम इसे आर्काइव में शिफ्ट करना चाह रहे थे। लेकिन बाद में इसे राजकीय संग्रहालय में शिफ्ट कर दिया। अब राजकीय संग्रहालय को ही व्यवस्थाएं करनी हैं।
– बसंतसिंह सोलंकी, सहायक निदेशक, राजस्थान राज्य अभिलेखागार

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