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worship: जयकारों से गूंज उठे शिवालय, भोलेनाथ की भक्ति में डूबे श्रद्धालु

locationअजमेरPublished: Jul 28, 2018 09:07:27 am

Submitted by:

raktim tiwari

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lord shiva worship

lord shiva worship

अजमेर. शहर के शिवालय शनिवार को बोल बम के जयकारों से गूंज उठे। सावन माह की शुरुआत के साथ पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया। अब श्रावण शुक्ल पूर्णिया यानि रक्षाबंधन तक मंत्रोच्चार से रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, पूजन का दौर चलेगा। कावडि़ए पुष्कर और अन्य स्थानों से जल लेकर शिवालयों में अभिषेक करेंगे। इसके अलावा शिवालयों में विशेष श्रंगार किया जाएगा।
शनिवार सुबह से शहर के मदार गेट, रामगंज, केसरगंज,वैशाली नगर, कोटड़ा, आदर्श नगर, बिहारी गंज, नया बाजार, आंतेड़, आगरा गेट, कोटेश्वर महादेव मंदिर, शांतिपुरा स्थित सत्यनारायण मंदिर, लोकेश्वर महादेव, खानेश्वर महादेव और अन्य शिवालयों में पूजा-अर्चना हुई। महिलाओं, पुरुषों, बच्चों, नौजवानों ने बिल्व पत्र, पुष्प, हल्दी-चंदन, दूब, दूध और अन्य सामग्री से भोलेनाथ, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और नंदी की पूजा की। कई जगह मंत्रोच्चार और रुद्रिपाठ के साथ जलाभिषेक, रुद्राभिषेक भी हुए। सावन माह में रक्षाबंधन तक कावड़ यात्रा भी निकलेगी। कावडि़ए गाजे-बाजे के साथ पुष्कर सरोवर और अन्य जलाशयों से जल लाकर शिवालयों में अभिषेक करेंगे।
झरनेश्वर महादेव सेवा समिति के तत्वावधान में सावन महोत्सव आयोजित किया गया। सुबह शिखर पर ध्वजारोहण किया गया। पूजन के बाद आरती की गई। अध्यक्ष गोपाल खण्डेलवाल ने जानकारी दी कि सावन के माह में 9,16 और 23 अगस्त को सहस्रधारा होगी। 12 अगस्त को कावड़ यात्रा पुष्कर से अजमेर के लिए निकाली जाएगी। कावडि़ए झरनेश्वर महादेव मंदिर पहुंच कर रूद्राभिषेक करेंगे।
सावन का सूखा आगाज

घटाओं ने शनिवार को भी खामोशी नहीं तोड़ी। सावन का सूखा आगाज हुआ। शहर और जिले से इंद्रदेव रूठ रहे। सुबह से शाम तक धूप-छांव का दौर चला। हालांकि हवा चलने से मौसम सामान्य रहा।
सुबह से ही आसमान पर बादल मंडराते दिखे। हवा चलने और बादलों के कारण मौसम खुशनुमा रहा। धूप-छांव का दौर चलता रहा। आषाढ़ को सूखा विदा करने वाली घटाएं सावन के पहले दिन तरसाती नजर आई।
मानसून के बचे 65 दिन
जिले और प्रदेश में इस साल मानसून के महज 65 दिन बचे हैं। 15 से 27 जुलाई तक जिले के कुछ हिस्सों में झमाझम बरसात तो कहीं छिटपुट फुहारें ही पड़ी हैं। बरसात का आंकड़ा 203.28 मिलीमीटर तक ही पहुंच पाया है। जबकि जिले की कुल औसत बरसात (1 जून से 30 सितम्बर तक) 550 मिलीमीटर मानी जाती है। इसको देखते हुए जिले को 346.72 मिमी बरसात की और जरूरत है।
पांच साल में हुई बरसात (मिलीमीटर में )

2012-520.2
2013-540

2014-545.8
2015-381.44

2016-512.07
2017- 450

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