इस पार्क में बच्चों के खेलने के उपकरण टूटे पड़े हुए हैं। पार्क में आधी जगह दूब है तो आधी जगह कच्चा हो रखा है। इसके साथ ही कई जगह से दीवारें भी कमजोर हो गई हैं। पार्क में वॉक वे भी क्षतिग्रस्त स्थिति में है।
शहर के शिवाजी नगर पार्क के हाल बेहाल हो रखे हैं। पार्क में बच्चों के खेलने के उपकरण टूट चुके हैं। यह उपकरण पार्क में ही पड़े हुए हैं। इसके अलावा अन्य उपकरण पार्क में बने हुए कमरे में ही टूटे पड़े हुए हैं।
इससे पार्क में बच्चों का आना कम हो गया है। यह पार्क शिवाजी नगर के बीच में ही स्थित है। यहां बच्चों के खेलने के उपकरण लगा दिए जाएं तो आस-पास के बच्चों के लिए खेलने की जगह मिल जाएगी।
टूटा पड़ा वॉक-वे पार्क में घूमने के लिए बना वॉक वे भी क्षतिग्रस्त पड़ा हुआ है। इससे घूमने के लिए आने वाले लोगों को परेशानी होती है। वॉक – वे जगह-जगह से टूटा पड़ा है। इस वॉक वे की मरम्मत की जरूरत है।
दूब का अभाव पार्क में आधे से अधिक हिस्से में दूब का अभाव बना हुआ है। अधिकतर हिस्सा कच्चा पड़ा हुआ है। दूब नहीं होने से सुबह-शाम घूमने वालों और बालक-बालिकाओं को दिक्कत होती है। दूब नहीं होने से पार्क का सौंदर्यीकरण भी प्रभावित होता है।
मरम्मत की आवश्यकता पार्क में कई पेड़ टूटे पड़े हैं। इन पेड़ों के ठूंठ को हटाए और पौधे लगाए जाने चाहिए। पार्क में कई जगह कचरा पड़ा हुआ है और इसकी चारदीवारी भी कई जगह से कमजोर हो चुकी है। पार्क की दीवारों की भी कई जगह से मरम्मत किए जाने की आवश्यकता है।
कायाकल्प की जरूरत इस पार्क के कायाकल्प की जरूरत है। पार्क का कायाकल्प कर दिया जाए तो क्षेत्रवासियों को काफी राहत मिल जाएगी। इससे इस पार्क में आने वालों की संख्या बढ़ जाएगी।
इस पार्क की हालत सुधारे जाने की आवश्यकता है। पार्क में बच्चों के खेलने और घूमने की स्थित नहीं है। इस कारण यह नाम का पार्क रह गया है। अनीता जैन इस पार्क में बच्चों के खेलने के उपकरणों और अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। पार्क की हालत सुधारने के लिए खेलने के उपकरण लगाए जाने चाहिए।
लक्ष्मी कुमावत