script

Heavy rain in ajmer: भरपूर बरसात, खेतो-फसलों को मिली संजीवनी

locationअजमेरPublished: Aug 18, 2019 07:08:14 pm

Submitted by:

raktim tiwari

बरसात से ना केवल फसलों-बीजों को वरदान मिलेगा, बल्कि ज्वार, बाजरा आर मूंग की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है।

agro crops in ajmer

agro crops in ajmer

रक्तिम तिवारी/अजमेर. संभाग में इंद्रदेव (rain) की जबरदस्त मेहरबानी बनी हुई है। जिला औसत बरसात के आंकड़े को पार कर चुका है। जहां बड़े जलाशयों में धीरे-धीरे पानी की आवक (water flows) बढ़ रही है। वहीं छोटे तालाब (ponds)-एनिकट (anicut) तो छलक पड़े हैं। किसानों (farmers) के चेहरे तो इस बार खिल चुके हैं। बरसात से ना केवल फसलों (crops)-बीजों (seeds) को वरदान मिलेगा, बल्कि ज्वार, बाजरा आर मूंग की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है।
जिले में 1 जून से 4 जुलाई तक महज 35 मिलीमीटर बारिश (barsat) हुई थी। इसके बाद 5 से 7 जुलाई तक मानसून (monsson) के जिले के पीसांगन, अजमेर, ब्यावर, रूपनगढ़, पुष्कर को झमाझम बरसात (heavy rain in ajmer) से भिगोया। इससे बरसात का आंकड़ा बढकऱ 160.72 मिलीमीटर तक पहुंच गया। इसके बाद 25 से 29 जुलाई तक जिले पर मानसून मेहरबान रहा। इस दौरान 157.83 मिलीमीटर बारिश हुई। इससे बरसात का आंकड़ा बढकऱ 318.55 मिलीमीटर तक पहुंच गया। 1 से 17 अगस्त को हुई बरसात ने जिले की रंगत ही बदल दी। आनासागर और पुष्कर में पानी की आवक के रिकॉर्ड टूट गए। जिले के छोटे तालाब (mini ponds), बांध, एनिकट छलक गए हैं।
read more: Heavy rain in ajmer: अजमेर के पानी से मारवाड़ को मिला जीवनदान

सात साल बाद टूटा रिकॉर्ड
जिले की औसत बरसात (1 जून से 30 सिंतबर तक) 550 मिलीमीटर मानी जाती है। कम बारिश और अलनिनो प्रभाव (elnino effect) के चलते जिले ने पिछले सात साल से औसत बरसात (average rainfall) का 550 मिलीमीटर का आंकड़ा नहीं छू सका था। इस बार 17 अगस्त को ही जिले ने 550 मिलीमीटर बरसात (barish) को पार कर लिया। जिले में अब 10 प्रतिशत बरसात ज्यादा हो चुकी है।
read more: Bisalpur dam: 315 का आंकड़ा छूने की तैयारी में बीसलपुर बांध

किसानों को मिलेगा फायदा
बंपर बरसात से किसानों के चेहरे खिल चुके हैं। कृषि उपनिदेशक (agriculture deputy director) वी.के.शर्मा ने बताया कि अच्छी बरसात से ज्वार, बाजरा और मंूग की पैदावार बढ़ेगी। अगेती फसल का उत्पादन (crop cultivation) बढ़ेगा। पशुपालन को भी बढ़ावा मिल सकेगा। कायड़ गांव के किसान कान्हाराम ने बताया कि पिछले कई साल में पर्याप्त बरसात हुई है। अब खेतों में खड़ी फसल और बीज से पैदावार (bumper crop) बढ़ सकेगी।
read more: Heavy rain in ajmer: कहर बनी बरसात, कई मकान हो गए धाराशायी

जिले में कहां कितनी बारिश….
अजमेर 669, श्रीनगर 401.5, गेगल 366, पुष्कर 771, गोविंदगढ़ 361, बूढ़ा पुष्कर 412, नसीराबाद 575, पीसांगन 674, मांगलियावास 580, किशनगढ़ 627, बांदरसींदरी 156, रूपनगढ़ 563, रूपनगढ़ 438.5, ब्यावर 691, जवाजा 537, टॉडगढ़ 706, सरवाड़ 642, गोयला 478, केकड़ी 738, सावर 360.1, भिनाय 699, मसूदा 406, बिजयनगर 623, नारायणसागर 4480
जलाशयों में पानी (फीट में)
आनासागर 15, फायसागर 16.7, पुष्कर 28, फूलसागर कायड़ 8.0, रामसर 7.9, शिवसागर न्यारा 15.8, राजियावास 5.9, मकरेड़ा 12.0, गोविंदगढ़ 2.0, अजगरा 9.11, ताज सरोवर अरनिया 13.9, मदन सरोवर धानवा 12.3, मुंडोती 3 मीटर, पारा प्रथम 11.3, पारा द्वितीय 9.2, नाहर सागर 3.52 मीटर, डेह सागर बड़ली 12.7, न्यू बरोल 6, मान सागर जोताया 7.6, लसाडिय़ा 12.4, बिसंूदनी बांध 11.9, नारायण सागर खारी 4.0

ट्रेंडिंग वीडियो