script

प. बंगाल की राजनीति पर राजस्थान की रहेगी ‘नजरÓ!

locationअजमेरPublished: Jul 20, 2019 10:31:14 pm

(Governor)धनखड़ बने प. बंगाल के राज्यपाल, किशनगढ़ से रह चुके हैं विधायक
अजमेर से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं

governor

प. बंगाल की राजनीति पर राजस्थान की रहेगी ‘नजरÓ!

अजमेर. पश्चिम बंगाल की राजनीति पर अब राजस्थान (Rajasthan)की भी ‘नजरÓ रहेगी। प. बंगाल में राजस्थान के पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं किशनगढ़ के पूर्व विधायक जगदीप धनखड़ को राज्यपाल (Governor) बनाने के बाद राजस्थान की जनता की भी टकटकी अब पश्चिम बंगाल की ओर रहेगी। पूर्व विधायक धनखड़ के राज्यपाल बनने के बाद किशनगढ़ सहित अजमेर जिले में खुशी की लहर दौड़ गई।
देश की राजनीति में तल्खी भरा अंदाज पिछले दिनों प. बंगाल में देखने में मिला। यहां तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं। वहीं केसरीनाथ त्रिपाठी राज्यपाल थे। उनका कार्यकाल पूरा होने पर किशनगढ़ (kishangar) के पूर्व विधायक व झुंझुनूं से सांसद व केन्द्रीय मंत्री रहे धनखड़ को राज्यपाल नियुक्त किया गया है। झुंझुनूं से लोकदल से सांसद का चुनाव जीतकर धनखड़ 1989 से 1991 तक केन्द्र सरकार में मंत्री रहे। वहीं 1991 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए और अजमेर (Ajmer) से उन्होंने सांसद (mp) का चुनाव लड़ा मगर वे भाजपा के रासासिंह रावत से हार गए। इसके बाद 1993 में किशनगढ़ से विधायक का चुनाव लड़ा और भाजपा के पूर्व विधायक जगजीतसिंह को 1958 वोटों से हराकर विधायक बने। इसके बाद 2003 में वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनीं तब उन्होंने पुन: भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। धनखड़ वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट हैं तथा राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिशएन के अध्यक्ष रह चुके हैं। धनखड़ के प. बंगाल के राज्यपाल बनने से अजमेर एवं किशनगढ़ के भाजपा नेताओं ने भी खुशी जताई है।
सरल व्यक्तित्व के धनी हैं धनखड़- सिंह

वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से धनखड़ के सामने चुनाव लडऩे वाले दो बार के विधायक जगजीतसिंह ने बताया कि व़े सरल व्यक्तित्व के धनी हैं। उनका मिलनसार व्यवहार किशनगढ़ की जनता आज भी याद करती है। जब उनके सामने चुनाव लड़ा तब राष्ट्रपति शासन लागू था और बहुत ही कम अंतर सेे मेरी हार हो गई। इसके बावजूद आज भी जब भी मिलते हैं मित्रवत व्यवहार रहता है।

ट्रेंडिंग वीडियो