किशनगढ़ के निकट तिलोनिया के बेयरफुट कॉलेज में सोलर ममास (महिलाओं) के बीसवें स्नातक बैच के दीक्षान्त समारोह के तहत सोलर ममास और विदेशी राजनयिक को एनरिच बाजार की जानकारी दी गई। रुचिका ने ममास को महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा वारदात, मानवाधिकार, घरेलू वाद-विवाद, बच्चों की शिक्षा, पारिवारिक स्थिति में महिलाओं के योगदान के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान भारत और अन्य विकासशील-विकसित देशों में महिलाओं के साथ हिंसक घटनाओं, बदलते पारिवारिक मूल्यों पर चर्चा की गई।
बनाएं छोटी-छोटी योजनाएं सोलर ममास और अन्य महिलाएं आमतौर पर परिवार की आय को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर नहीं होती हैं। लेकिन वे छोटी-छोटी योजनाएं बनाकर स्वयं और परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकती हैं। छोटी अथवा बड़े पंूजी निवेश से उद्यम स्थापित किया जा सकता है। इसमें बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं से ऋण लिया जा सकता है। छोटी बचत से भी कई आर्थिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों को चलाया जा सकता है।
उत्पाद की मार्केटिंग भी जरूरी ममास को उत्पाद के मार्केटिंग का तरीका सिखाया गया। महिलाओं को इससे पहले बाजार में उत्पाद तैयार करने और बेचने के तरीके नहीं आते थे। प्रशिक्षण के दौरान ममास ने मोतियों से बैग, ऊन से टोपी, मोतियों की माला, जूट बैग, पेपर बैग, फोल्डर और अन्य उत्पाद बनाना सीखा। महिलाओं को बताया गया कि स्वयं सहायता समूह अथवा सरकार की विभिन्न एजेंसी से किस तरह उत्पाद को बेचा जा सकता है। इसके अलावा उन्हें लघु एवं सूक्ष्म उद्यम की महत्ता कच्चा माल खरीदने, तैयार माल से गुणवत्तायुक्त उत्पाद बनाने की विस्तृत जानकारी दी गई।
पोषण युक्त भोजन आवश्यक ममास को पोषण युक्त भोजन, स्वास्थ्य संबंधित जानकारी दी गई। मेडागास्कर, बोत्स्वाना, तंजानिया, युगांडा और अन्य अफ्रीकी देशों में महिलाओं के भोजन में पोषक तत्वों का अभाव रहता है। महिलाओं को बताया गया कि शारीरिक विकास और स्वस्थ रहने के लिए फल-सब्जियां, चावल, दाल और अन्य सामग्री उपयोगी है। महिलाओं को विशेष दिनों में सेहत का ख्याल रखने, विटामिन युक्त भोजन, चिकित्सीय परामर्श के बारे में भी बताया गया।