scriptविदेशी आंगन में खिल रहे हमारे फूल | foreign couple adopt Children from Ajmer | Patrika News

विदेशी आंगन में खिल रहे हमारे फूल

locationअजमेरPublished: Jul 13, 2019 02:55:43 am

Submitted by:

dinesh sharma

विदेशी दम्पती गोद लेकर संवार रहे पालनागृहों में छोड़े गए नवजात बच्चों का जीवन, सुनाते हैं भारतीय संगीत, स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस भी मनाते हैं बच्चों के संग, इन बच्चों का जन्मदिन भारतीय पद्धति एवं भारतीय रेस्त्रां में मनाया जाता है, स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस का उत्सव भी ये दम्पती बच्चों के साथ मनाते हैं

foreign couple adopt Children from Ajmer

विदेशी आंगन में खिल रहे हमारे फूल

चन्द्र प्रकाश जोशी

अजमेर. जन्म देने के बाद मां ने नवजात संतान को पालनागृह के हवाले छोड़ दिया, लेकिन हमारे ये फूल अब विदेशी आंगन में खिल रहे हैं। अजमेर में मां के आंचल से छिटकी बिटिया और बेटा आज सात समन्दर पार विदेशी मां के आंचल की छांव में पल रहे हैं।
इनमें से बालिका (बिटिया) जहां स्पेन में तो बालक (बेटा) यूएसए में विदेशी दम्पती के साथ परिवार में घुल-मिल गए हैं। खास बात यह है कि इन बच्चों का जन्मदिन भारतीय पद्धति एवं भारतीय रेस्त्रां में मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस का उत्सव भी ये दम्पती बच्चों के साथ मनाते हैं।
अजमेर के राजकीय बालिका गृह एवं शिशुगृह लोहागल के दोवर्ष के परित्यक्त बालक एवं बालिका को किशोर न्याय अधिनियम, 2015 एवं भारत सरकार की ओर से जारी बच्चों के दत्तक मार्गदर्शी सिद्धांत, 2017 के तहत अन्तरराष्ट्रीय दत्तक ग्रहण योजना के तहत विदेशी दम्पती को सौंपा गया। इन अधिनियम के तहत बच्चों को गोद लेने के बाद प्रत्येक तीन माह में बच्चों के स्वास्थ्य एवं परिवार संबंधी रिपोर्ट भेजनी होती है।
इसके तहत स्पेन एवं यूएसए के केम्ब्रिज से विदेशी दम्पती ने इन बच्चों की रिपोर्ट शिशुगृह भेजी है। खास बात यह कि इन विदेशी दम्पती की ओर से बच्चों का जन्मदिन भी भारतीय रेस्त्रां में मनाया जाता है। विदेशी होने के बावजूद बच्चों की मूल भावना व संस्कृति से इन्हें अलग करने का प्रयास नहीं किया गया है।
प्रबंधक फरहाना खान के अनुसार दोनों बच्चों की रिपोर्ट बहुत अच्छी है। हर तीन माह में विदेशी दम्पती रिपोर्ट भेज रहे हैं। बालिका गृह अधीक्षक एवं विशेषज्ञ अदिति माहेश्वरी के अनुसार विदेशी दम्पती बच्चों की अच्छी केयर कर रहे हैं। समय-समय पर रिपोर्ट मिल रही है। दोनों बच्चे बिल्कुल स्वस्थ हैं।
केम्ब्रिज में जय बना चक्रवर्ती

यूएसए केम्ब्रिज निवासी भारतीय मूल के प्रबल चक्रवर्ती एवं उनकी पत्नी वेनेथा जूलिया दोनों इंजीनियर हैं। वेनेथा फ्रांस मूल की हैं। इन्होंने जेएलएन अस्पताल के पालनागृह में लावारिस छोड़े गए जय को गोद लिया।
दम्पती की एक बेटी का निधन हो चुका है और दूसरी बेटी जय के साथ खेलती है, उसे पढऩा सिखाती है। जब जय को लावारिस छोड़ा गया तब उसके पैर में क्लबफिट बीमारी थी जिसका इलाज अजमेर में चला, केम्ब्रिज में भी उसका उपचार हुआ। अब उसके पैर बिल्कुल ठीक हैं।
दम्पती ने जो रिपोर्ट भेजी है उसमें बताया कि बच्चा परिवार में घुल-मिल गया है, परिवार के सभी सदस्य बहुत खुश हैं। उसका जन्मदिन भी भारतीय रेस्त्रां में मनाया गया। जय को 29 अक्टूबर 2018 को गोद दिया गया था।
स्पेनिश बोलती हैं कोमल

किशनगढ़ के यज्ञनारायण अस्पताल के पालनागृह में लावारिस छोड़ी गई कोमल को विदेशी दम्पती स्पेन निवासी अल्बर्टो एवं पत्नी लोरेला ने गोद लिया। 24 सितम्बर 2018 को विदेशी दम्पती को दत्तक ग्रहण के लिए सौंपा था। जब बच्ची को पालनागृह में लावारिस छोड़ा गया तब पैरों व शरीर पर फफोले व स्किन संबंधी परेशानी थी।
स्पेन के इस दम्पती ने उसका इलाज कराया। विभाग को मिले फॉलोअप में बताया कि उसकी बीमारी ठीक हो गई है, अब स्पेनिश भाषा सीख गई है। उसे भारतीय गाने (इंडियन सॉन्ग) सुनाते हैं। 15 अगस्त व 26 जनवरी के राष्ट्रीय पर्व को वे उत्साह के साथ मनाते हैं। बच्ची के साथ वे सब बहुत खुश हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो