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राजस्थान के इस शहर में चल रहा शराब की री-पैकिंग का गोरखधंधा , आप भी पढ़ें पूरी खबर

locationअजमेरPublished: Nov 01, 2018 03:13:47 pm

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excise department arrested gang of alcohol re packers in ajmer

राजस्थान के इस शहर में चल रहा शराब की री-पैकिंग का गोरखधंधा , आप भी पढ़ें पूरी खबर

मनीष कुमार सिंह/ अजमेर. अरुणाचल प्रदेश की ‘रोमियो’ व हरियाणा की ‘इम्पेक्ट ग्रीन’ जैसी सस्ती शराब को तस्कर सिर्फ दस रुपए खर्च कर राजस्व को करोड़ों का चपत लगा रहे है। प्रदेश में अवैध शराब की बोतल का ढक्कन व लेबल बदलते ही मुनाफा दो से तीन गुना तक बढ़ गया। तस्करों ने प्रदेश में चलने वाले दो अंग्रेजी ब्रांड को अवैध शराब की बिक्री के लिए टारगेट कर रखा था।
राजस्थान पत्रिका में अवैध शराब के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के बाद सक्रिय हुए ाबकारी विभाग ने आदर्शनगर के बालूपुरा, किशनगढ़ राजारेडी और दूदू में अवैध नकली शराब की फैक्ट्री पकड़ी। पड़ताल में सामने आया कि शराब माफिया ने हरियाणा व अरुणाचल प्रदेश में निर्मित अंग्रेजी शराब रोमियो का लेबल व ढक्कन बदलकर मुनाफा कमाने का तोड़ ढूंढ निकाला। विभागीय पड़ताल में सामने आया कि माफिया सिर्फ अजमेर में ही नहीं वरन् पूरे प्रदेश में सक्रिय है। ये लोग आगामी विधानसभा चुनाव को लक्ष्य रखकर भी तैयारी कर रहे थे। वहीं पकड़े गए तस्करों से पड़ताल में सामने आया कि एक सप्ताह में उनके यहां दो से तीन हजार ढक्कन की सप्लाई होती थी। यानी हर महीने एक फैक्ट्री से 8 से 10 हजार अवैध शराब की री-पैकिंग धड़ल्ले से चल रही थी।
ग्राहक बन टटोली नब्ज

गिरफ्त में आए किशनगढ़ ढाणी पुरोहितान हाल सुमेरनगर मदनगंज निवासी महेन्द्रसिंह रावत से जिला आबकारी अधिकारी भगवतसिंह राठौड़ पूछताछ। उन्होंने महेन्द्र के जरिए ढक्कन व लेबल की सप्लाई करने वाले युवक से ग्राहक बन बातचीत की। पड़ताल में सामने आया कि 8 से 10 रुपए के खर्च में बोतल, लेबल व ढक्कन का इंतजाम हो जाता है। किशनगढ़ में प्रत्येक सप्ताह में दो हजार ढक्कन और लेबल की सप्लाई देता है।
अभी है दो की तलाश
आबकारी दस्ते ने अब तक किशनगढ़ ढाणी पुरोहितान हाल सुमेरनगर मदनगंज निवासी महेन्द्रसिंह रावत, यूपी फिरोजाबाद हाल बालूपुरा निवासी विरेन्द्र कुमार उर्फ लालू व किशनगढ़ राजारेडी निवासी भगवानसिंह को गिरफ्तार किया जबकि मामले में किशनसिंह रावत व दूदू निवासी सुमेर सिंह की तलाश है।राजस्थान मार्का का ढक्कन, लेबल पड़ताल में सामने आया कि हरियाणा निर्मित इम्पेक्ट ग्रीन और अरुणाचल प्रदेश की रोमिया ब्रांड से आने वाली शराब को पहले तस्कर अवैध तरीके से बेचने पर 90 से 100 रुपए में बेचते थे। लेकिन राजस्थान मार्का का ढक्कन, लेबल लगाने पर शराब के ठेके पर आसानी से तस्करों को 200 से 250 रुपए में बेच रहे थे। ये शराब ठेके पर साढ़े तीन सौ से चार सौ रुपए तक में बेची जा रही थी।26 दिन में साढ़े 8 हजार लीटर अवैध शराबजिला आबकारी विभाग ने 6 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की आचार सहिता लगने के बाद अवैध शराब के 27 प्रकरण दर्ज करते हुए 33 जनों को गिरफ्तार किया गया। छब्बीस दिन की कार्रवाई में 7 हजार 884 लीटर अवैध विदेशी व 1225 लीटर देशी मदिरा जब्त की गई जिसकी कीमत 45 लाख रुपए कीमत आंकी गई है।
पड़ताल में सामने आया कि शराफ माफिया ने प्रदेश के दो अंग्रेजी ब्रांड को टारगेट कर रखा था। उनकी खाली बोतल में हरियाणा की इम्पेक्ट ग्रीन व अरुणाचल प्रदेश की रोमियो की रिफिलिंग की जाती थी। दोनों ही ब्रांड हरियाणा व अरुणाचल प्रदेश की सस्ती शराब है। जिसको री-पैकिंग कर प्रदेश में शराब ठेके पर बेचने योग्य बना ली जाती है। इसका खर्च 8 से 10 रुपए आता है। विभागीय टीम मामले की गहनता से पड़ताल में जुटी है।
-भगवत सिंह राठौड़, जिला आबकारी अधिकारी अजमेर

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