रेलवे ने ग्रुप डी भर्ती के लिए आने वाले लगभग एक करोड़ 90 लाख अभ्यर्थियों के मद्देनजर फर्जी अभ्यर्थियों पर शिकंजा कसने के लिए यह बदलाव किया है। अमूमन परीक्षा से चार दिन पूर्व जारी होने वाले प्रवेश-पत्र पर ही यह पैराग्राफ दिया होता था।
नियमों के तहत अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्र में आने के बाद वीक्षक की मौजूदगी में उस पैराग्राफ को अपने हस्तलेख में लिखना होता था, लेकिन अधिकांश अभ्यर्थी अपने घर से ही यह पैरा लिखकर आ जाते थे। इससे फर्जी अभ्यर्थियों के परीक्षा में आने की अशंका व्यक्त की गई थी।
नई व्यवस्था के तहत अब यह पैरा परीक्षा प्रारंभ होने के बाद कम्प्यूटर पर नजर आएगा, जिसे अभ्यर्थी परीक्षा केन्द्र के अंदर ही लिखेंगे। दस्तावेज सत्यापन पर मिलान लिखित परीक्षा एवं शारीरिक दक्षता में उत्तीर्ण नौकरी के लिए चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन के दौरान अभ्यर्थियों से एक बार फिर पैराग्राफ हाथ से लिखवाया जाएगा। इस पैराग्राफ का हस्तलेख परीक्षा के दौरान लिखे पैराग्राफ हस्तलेख से मिलान किया जाएगा।
परीक्षा सुरक्षा के मद्देनजर इस बार प्रक्रिया में कुछ बदलाव किया गया है। हस्तलेख के लिए अब पैराग्राफ प्रवेश-पत्र की बजाए परीक्षा के दौरान उपलब्ध कराया जाएगा। इस हस्तलेख का मिलान चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन के दौरान किया जाएगा। इससे फर्जी अभ्यर्थियों की घटनाएं शून्य प्रतिशत हो जाएंगी।
आलोक कुमार मिश्र, अध्यक्ष, रेलवे भर्ती बोर्ड
आलोक कुमार मिश्र, अध्यक्ष, रेलवे भर्ती बोर्ड
जबदस्त दोस्ती, नो टेंशन और सुठो-सुठो अभी कुछ दिनों की ही बात है । सोशल मीडिया पर सिंधियों की विशेषताओं को लेकर एक वीडियो वायरल हो रखा है। दरअसल वह किसी चैनल का एक कार्यक्रम था जिसका नाम है पब्लिक है सब जानती है। किस शहर में शूट किया गया इसकी पहचान तो नहीं हो पाई लेकिन लोगों की बातचीत और बैकग्राऊंड किसी महानगर होने का आभास दे रहा है। यह वीडियो मेरी पत्नी को उसकी दुबई मेंं रहने वाली एक सहेली ने फारवर्ड किया है। हो सकता है वहीं पर शूट किया गया हो। मुझे काफी इंटरेस्टिंग लगा और होजमालो का काफी मसाला भी नजर आया तो सोचा आपसे भी शेयर कर ही लूूं।
इस कार्यक्रम के ऐंकर ने किसी बड़े मॉल टाइप सार्वजनिक स्थान पर आने जाने वाले तकरीबन 50 लोगों से बातचीत की और उनसे सीधा सवाल किया कि सिंधियों को लेकर उनके दिमाग में क्या छवि बनी हुई है। जवाब बस एक दो शब्दों में ही देना था। आपको उनके रिव्यू सुनकर काफी मजा भी आएगा और थोड़ा बहुत सिंधी होने पर गर्व भी महसूस हो सकता है।
इस कार्यक्रम के ऐंकर ने किसी बड़े मॉल टाइप सार्वजनिक स्थान पर आने जाने वाले तकरीबन 50 लोगों से बातचीत की और उनसे सीधा सवाल किया कि सिंधियों को लेकर उनके दिमाग में क्या छवि बनी हुई है। जवाब बस एक दो शब्दों में ही देना था। आपको उनके रिव्यू सुनकर काफी मजा भी आएगा और थोड़ा बहुत सिंधी होने पर गर्व भी महसूस हो सकता है।