शुरु से ही अध्ययन में मेधावी
सुराणा ने बताया कि रुपाली का आठवीं कक्षा में यूपीएससी की परीक्षा पास करने का लक्ष्य तय कर लिया था। दो बार से साक्षात्कार दिया। पिछली बार एग्रीकेट में अंक कम रह गए थे। इस बार सफलता मिली। रुपाली के पति भी आईपीएस है। हाल में अलीगढ में सेवारत है। देश की सर्वोच्च परीक्षा में चयन के लिए रूपाली ने सारा श्रेय अपनी कड़ी मेहनत और अपने माता-पिता अलका सुराणा एवं राकेश सुराणा, ब्यावर एवं पति अमृत जैन आईपीएस जो अभी अलीगढ़ उत्तरप्रदेश में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत है को दिया है। सुनिल जैन ने बताया कि रुपाली ने दिल्ली में रहकर परीक्षा की तैयारी की थी। प्रारिम्भक शिक्षा ब्यावर व अजमेर से हुई थी। इस अवसर पर भारत विकास परिषद के संदीप नाहटा, सुनील जैन सहित अन्य लोग मौजूद रहे। रुपाली जैन गुरुवार को ब्यावर पहुंचेगी। इस अवसर पर विविध संगठनों की ओर से स्वागत किया जाएगा।
मां अलका सुराणा का चल रहा है वर्षीतप
रुपाली जैन की माता अलका सुराणा का वर्षीतप चल रहा है। अलका सुराणा ने बताया कि आखातीज से वर्षीतप शुरु किया जो आखातीज तक चलेगा। जिस दिन साक्षात्कार था उस दिन भी तपस्या चल रही थी। बुधवार को परिणाम आया एवं चयन हुआ एवं इसकी जानाकरी लगी। बुधवार को पारणा था। बेटी रूपाली ने आईएएस बनकर पूरे ब्यावर जिले का नाम ऊंचा किया।
जैन एकता मंच करेगा बहुमान
ब्यावर की बेटी रुपाली जैन के आईएएस बनने पर जैन एकता मंच की ओर से बहुमान किया जाएगा। रुपाली के आईएएस बनने के उपलक्ष में रखे गए कार्यक्रम में गुरुवार को विविध संगठनों के पदाधिकारी व अन्य लोग मौजूद रहेंगे।