ऐसे गैंग्सटर बना था आनंदपाल
गैग्सटर राजू ठेहट की 2005 में ठेके पर बैठने वाले एक सेल्समैन विजयपाल से कहासुनी हो गई। राजू ने अपने साथियों के साथ मिलकर विजयपाल की हत्या कर दी। विजयपाल रिश्ते में बलबीर का ***** लगता था। उसकी हत्या के बाद बलबीर और राजू की दोस्ती, दुश्मनी में बदल गई। बलबीर ने राजू का साथ छोडक़र अपना अलग गैंग बना लिया। इसी गैंग में 2006 में आनंदपाल सिंह शामिल हुआ और उसके बाद इस गैंग का दबदबा बढ़ता चला गया। दोनो गैंग्स में दुश्मनी चरम पर रहती थी।
गैग्सटर राजू ठेहट की 2005 में ठेके पर बैठने वाले एक सेल्समैन विजयपाल से कहासुनी हो गई। राजू ने अपने साथियों के साथ मिलकर विजयपाल की हत्या कर दी। विजयपाल रिश्ते में बलबीर का ***** लगता था। उसकी हत्या के बाद बलबीर और राजू की दोस्ती, दुश्मनी में बदल गई। बलबीर ने राजू का साथ छोडक़र अपना अलग गैंग बना लिया। इसी गैंग में 2006 में आनंदपाल सिंह शामिल हुआ और उसके बाद इस गैंग का दबदबा बढ़ता चला गया। दोनो गैंग्स में दुश्मनी चरम पर रहती थी।